गजल निशा का भी हुआ आयोजन।
इंदौर : सृष्टि में एक लय है। इंसान के बोलने में भी लय होती है। कविता, गीत, गजल इसी लयबद्धता के प्रतीक हैं। गजल से भाषा समृद्ध होती है। शोभा ताई तैलंग की गजलें इस बात का प्रमाण है। उनकी गजलों में नवाचार के दर्शन होते हैं।
ये कहना है ख्यात मराठी साहित्यकार शिवाजी जवरे का। वे महाराष्ट्र साहित्य सभा के शार्दोत्सव के तहत आयोजित कवयित्री शोभा तेलंग के छठे मराठी गजल संग्रह ‘हृदयाचा गाभारा’ के विमोचन समारोह में बोल रहे थे।कार्यक्रम का आयोजन इंदौर प्रेस क्लब के राजेंद्र माथुर सभागार में किया गया था। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के मराठी विभाग के प्रमुख ज्ञानेश्वर तिखे कार्यक्रम के विशेष अतिथि थे। प्रो. अनिल गजभिए, मिलिंद महाजन भी इस दौरान अतिथि के बतौर मौजूद रहे। सभी अतिथियों ने इस मौके पर शोभा तेलंग के गजल संग्रह का विधिवत विमोचन किया।
कम शब्दों में किसी बात को कहना कवि की खासियत।
विशेष अतिथि ज्ञानेश्वर तिखे ने कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए कहा कि कम शब्दों में किसी बात को कहना कवि व गजलकार की खासियत होती है। ये खूबी शोभाताई तेलंग के पास है।
सुरेश भट की प्रेरणा से गजल लेखन शुरू किया।
कवयित्री शोभा तेलंग ने पुस्तक को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि ये उनके द्वारा लिखित तेरहवीं पुस्तक और छठा गजल संग्रह है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के ख्यात मराठी गजलकार सुरेश भट की प्रेरणा से गजल लेखन का सिलसिला शुरू किया जो अब इस छठे गजल संग्रह तक आ पहुंचा है। शोभा तेलंग ने कहा कि उनकी तमन्ना सुरुवातीची शोभा शीर्षक से पुस्तक लिखने की है। उन्होंने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा ताई महाजन द्वारा उन्हें गजल संग्रह के प्रकाशन पर आशीर्वाद स्वरूप लिखी चिट्ठी का भी वाचन किया।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में गजल निशा का आयोजन किया गया। ब्रह्मकमल समूह के गजलकार शांताराम खामकर,शेखर गिरी कलम्ब, वैभव कुलकर्णी और विशाल राजगुरु ने अपनी गजलें पेश की।शोभा तेलंग ने भी कार्यक्रम में अपनी गजलें पेश की। सूत्र संचालन कवि आकाश कंकाल ने किया।
समारोह की शुरुआत माय मराठी गीत से हुई।स्वागत भाषण अश्विन खरे ने दिया। अतिथि स्वागत अश्विन खरे और प्रफुल्ल कस्तूरे ने किया। शोभा तैलंग का स्वागत विनिता धर्म और दीपाली सुदामें ने किया। संचालन और आभार प्रदर्शन मनीष खरगोनकर ने किया।