इंदौर । कोरोना वायरस के संक्रमण के शिकार नागरिकों की रेमडेसीवीर इंजेक्शन प्राप्त करने के लिए जद्दोजहद सतत जारी है। ऐसे में कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल किया है कि क्या अब इस इंजेक्शन को पाने के लिए भी हाई कोर्ट में जाकर याचिका लगाना पड़ेगी..?
संजय शुक्ला ने सीएम को लिखा पत्र।
शुक्ला ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नाम लिखे एक पत्र में कहा कि वे इंदौर को अपने सपनों का शहर कहते रहे हैं । अब जब कोरोना के इस संक्रमण काल में उनके सपनों के शहर में बड़ी संख्या में लोग इलाज के अभाव में मारे जा रहे हैं । तब इस शहर को बचाने के लिए वे कोई कोशिश करते हुए नजर नहीं आ रहे हैं । यहां तक की संक्रमण के इस दौर में एक बार भी उन्होंने इंदौर आकर यहां के हालात को अपनी आंखों से देखने में रुचि नहीं ली।
प्रदेश के 32 फ़ीसदी मरीज इंदौर के अस्पतालों में भर्ती।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में शुक्ला ने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में जितने कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती हैं, उनमें से 32% इंदौर के अस्पतालों में भर्ती हैं । इन मरीजों के उपचार में रेमडेसीवीर इंजेक्शन की उपयोगिता को चिकित्सकों द्वारा बार-बार रेखांकित किया जा रहा है। इसके बाद भी सरकार इस इंजेक्शन की उपलब्धता को सुनिश्चित करने में नाकाम रही है । इंदौर को प्रदेश में उपलब्ध कुल इंजेक्शन में से मात्र 10 से 12% इंजेक्शन ही दिए जा रहे हैं। इसी का परिणाम है कि गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों के परिजनों को इंजेक्शन प्राप्त करने के लिए सुबह से रात तक भागदौड़ करना पड़ रही है। इंदौर में यह इंजेक्शन ऊंची कीमत पर ब्लैक में बेचने का गोरखधंधा बेरोकटोक चल रहा है । इसके साथ ही अब तो नकली इंजेक्शन भी बेचे जाने लगे हैं । पुलिस ने इस तरह के कुछ मामले पकड़े भी हैं ।
क्या इंजेक्शन के लिए लेनी होगी हाईकोर्ट की शरण।
इन तमाम स्थितियों का हवाला देते हुए विधायक शुक्ला ने मुख्यमंत्री से पूछा कि क्या इंदौर के लोग हाई कोर्ट में जाकर याचिका लगाएं और इंजेक्शन उपलब्ध कराने की मांग करें ? उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि वे इंदौर के अस्पतालों में भर्ती गंभीर मरीजों के अनुपात में इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करवाएं।