संबंध निभाने में बेजोड़ थे महेंद्र सेठियाजी

  
Last Updated:  August 19, 2022 " 06:33 pm"

*जयदीप कर्णिक*

महेंद्र जी के चले जाने का समाचार बहुत ही स्तब्ध करने वाला है। लंबे समय तक नईदुनिया का प्रबंधन देखने वाले महेंद्रजी। एकदम व्यवस्थित कपड़े और काम को लेकर बेहद कड़क पर दिल के नरम महेंद्रजी। अपनी अलग जीवन शैली, खुशमिजाज स्वभाव, खाने खिलाने के जबर्दस्त शौकीन महेंद्रजी।
नईदुनिया की कैंटीन के ओंकार जी और महेंद्रजी तो मानो एक दूसरे के लिए ही बने थे। और ये दोनों उन सभी नईदुनिया परिवार के सदस्यों के लिए जो स्वाद के शौकीन थे।

उन सुनहरे दिनों के हंसी ठहाके और खान पान में महेंद्रजी का विशेष स्थान था।
संबंध निभाने में महेंद्र जी बेजोड़ थे। जिससे मित्रता की, संबंध रहे, पूरे निभाए।

कहते हैं ना कि कुछ घटनाओं का पूर्वाभास हो जाता है….आज सुबह ही एक हूक सी उठी और सोचा बहुत दिनों से महेंद्रजी से बात नही हुई। पूछा जाए कैसे हैं?
लगभग एक डेढ़ महीने पहले उनसे मिला था तो बहुत ही कमज़ोर हो गए थे। लिवर की बीमारी के चलते आवाज़ भी बदल गई थी। कह रहे थे कुछ खाने का मन ही नहीं करता। पर अपनी अशक्तता के बाद भी मैं कुछ खाए – पिए बिना ना जाऊं, इसको लेकर वैसे ही आग्रही रहे, जैसे पहले थे।

तो हूक के चलते आज सुबह जब ११.३० बजे के करीब फोन किया तो उठा नहीं। विनीत जी को संदेश देकर छोड़ दिया कि महेंद्रजी कैसे हैं। आम तौर पर कुछ समय में जवाब आ जाता है, आज नहीं आया……
क्योंकि बाद में ये मनहूस खबर जो आने वाली थी….
ये विडंबना ही है कि अपने अलमस्त स्वभाव और जिंदादिली के लिए पहचाने जाने वाले महेंद्रजी को लिवर की ऐसी भयानक बीमारी ने जकड़ लिया जिससे वो उस खान पान से ही दूर हो गए जिसको लेकर वो बहुत आग्रही थे।

ईश्वर उनको अपने श्रीचरणों में स्थान दे। उनके परिवार को दुख सहने की शक्ति दे।

ॐ शांति।

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