आरएसएस के मालवा प्रांत की तीन दिवसीय बैठक का समापन।
इंदौर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मालवा प्रांत की तीन दिवसीय बैठक का समापन रविवार शाम झाबुआ में हुआ। समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता पूर्णेंदु सक्सेना ने कहा, संघ में नया कुछ नहीं है, सब कुछ इसके बीज में निहित है। शताब्दी वर्ष में सर्वस्पर्शी और सर्वव्यापी संघ कार्य के साथ ही स्वयंसेवक और समाज के मन में राष्ट्रीय भाव, स्वयंसेवकत्व भाव और टीम के साथ कार्य करने के भाव का दृढीकरण करना है। संघ का स्वयंसेवक अपने आचरण से समाज में मधुर परिवर्तन करने वाला है। स्वयंसेवकों के संस्कार के कारण समरस समाज, पर्यावरण केन्द्रित जीवनशैली, मूल्य आधारित परिवार व्यवस्था, स्वबोध से युक्त और नागरिक अनुशासन के पालन के लिये कृत संकल्पित समाज अवश्य खड़ा होगा।
सक्सेना ने भारतीय समाज के एकत्व को प्रतिपादित करते हुए बताया कि भारत का 98 प्रतिशत समाज आनुवांशिक रूप से एक ही माता की संतानें हैं। हमारी अधिकांश मान्यतायें समान है। केवल कालांतर में जीवनशैली में बाह्य स्वरूप में विविधता है। जनजातीय समाज, हिन्दू समाज के मूल में हैं। वेदों की देव और संस्कार परंपरा जनजातीय समाज की परंपरा का ही संकलन है।
बैठक में प्रांत कार्यवाह विनीत नवाथे ने प्रांत में संघ कार्य का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि 28 जिलों के 1324 मंडल और 891 बस्तियाँ में 4203 शाखायें, 1708, साप्ताहिक मिलन और 1281 मासिक मंडली, कार्यकर्ताओं के द्वारा चलाये जा रहे हैं। इस वर्ष प्रांत के 6195 कार्यकर्ताओं ने संघ के वर्गों में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस वर्ष उज्जैन में महाविद्यालयीन विद्यार्थियों का प्रकट कार्यक्रम तथा इन्दौर में बाल कार्य का शारीरिक प्रकट कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। ग्राम विकास, सामाजिक समरसता, धर्मजागरण, पर्यावरण सहित घुमंतू जातियों के बीच भी विभिन्न गतिविधियों में उल्लेखनीय कार्य हुए। ग्राम विकास के अंतर्गत जल संरक्षण, स्वावलंबन एवं पर्यावरण गतिविधि द्वारा हरित गृह संपर्क के कार्य किये गये। घुमंतू जातियों के बीच सिकलीगर सम्मेलन, कालबेलिया सम्मेलन सहित स्वास्थ्य शिविर और जन समस्या निवारण शिविर आयोजित किये गये। पंद्रह जिलों में संवर्धिनी चिंतन भारतीय स्त्री कार्यक्रम में चौदह हजार से अधिक माता-बहनें शामिल हुई।
छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 300 वें वर्ष में व्याख्यान, शोध संगोष्ठी एवं नाट्य मंचन सहित विभिन्न सामाजिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। ‘मेरा गाँव, मेरी अयोध्या’ के भाव को पुष्ट करते हुए, श्रीराम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा के निमित्त हर गाँव एवं बस्ती में समाज के साथ अक्षत वितरण, प्रभात फेरियाँ, ध्वजा लगाने और प्राण प्रतिष्ठा के दिन भाव-भक्ति के कार्यक्रम संपन्न हुए।
इन्दौर में सेवाभारती द्वारा आयोजित श्रीरामोत्सव में पूज्य दीदी माँ साध्वी ऋतंभराजी का आशीर्वाद सेवा बस्तियों के 650 बच्चों को प्राप्त हुआ।मार्च माह में धार में आयोजित नर्मदा साहित्य मंथन में देश के ख्यातनाम साहित्यकारों, दार्शनिकों, पत्रकारों और चिंतकों ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये। सोशल मीडिया में सक्रिय इंफ्लुएंसर के बीच राष्ट्र प्रथम का भाव जागृत करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया कान्क्लेव का आयोजन इन्दौर में किया गया।
संघ की वार्षिक प्रांत बैठक में वीसी संघ की प्रांत कार्यकारिणी, विेभाग कार्यकारिणी एवं जिला टोली के कार्यकर्ताओं को प्रांत और क्षेत्र के अधिकारियों का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।