इंदौर : सोमवार को मालवा मिल क्षेत्र स्थित नीलकमल टॉकीज परिसर में आयोजित गोवर्धन पूजा में भाग लेने पहुंचे पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने सीएम कमलनाथ की तुलना प्रभु श्रीराम से की। यही नहीं उन्होंने विपक्ष की तुलना असुरों से कर दी।
राम की तरह कमलनाथ ने कांग्रेस का वनवास खत्म किया।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि भगवान राम 14 साल का वनवास काटकर और रावण का विनाश कर अयोध्या लौटे थे। अयोध्या वासियों ने घर- घर दिये जलाकर प्रभु श्रीराम का स्वागत किया था। उसी तर्ज पर सीएम कमलनाथ ने असुरों को हराकर कांग्रेस का 15 साल का वनवास खत्म किया और अयोध्या रूपी मप्र में कांग्रेस की सरकार बनाई। उन्होंने आगे कहा कि मप्र के नवनिर्माण और विकास में हम सभी भागीदार बनें यही संकल्प लेने का आज समय है।
बहरहाल, सीएम कमलनाथ के करीबी होने के नाते मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का उनकी तारीफ में कसीदे गढ़ना तो जायज है पर भगवान श्रीराम से उनकी तुलना करना उचित नहीं कहा जा सकता।
Related Posts
January 3, 2025 यूनियन कार्बाइड का कचरा पीथमपुर में जलाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन
यूनियन कार्बाइड का रासायनिक कचरा पीथमपुर में जलाए जाने का विरोध करते हुए रीगल तिराहे पर […]
August 25, 2021 वैक्सीन जिंदगी का डोज है, यह कोरोना से बचने का कवच है- शिवराज
भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगवाया तो […]
February 8, 2021 ‘साइकिल चलाओ, कोरोना हराओ’ की थीम पर होगी सायक्लोथान, 2 हजार प्रतिभागी ही कर पाएंगे शिरकत
इंदौर : 'साइकिल चलाओ, कोरोना हराओ' की थीम पर सायक्लोथान- 2021 का आयोजन 14 फरवरी को किया […]
February 7, 2023 हिंदी साहित्य समिति के शताब्दी सम्मान से अलंकृत होंगे अग्निशेखर और देवेंद्र दीपक
सम्मान स्वरूप शॉल, श्रीफल, मानपत्र और एक लाख रुपए की पुरस्कार राशि की जाएगी […]
November 7, 2023 मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए धर्म की आड़ लेती है बीजेपी
कांग्रेस के क्षेत्र क्रमांक 05 के प्रत्याशी सत्यनारायण पटेल के समर्थन में आयोजित सभा […]
January 17, 2021 बाघ की खाल व कछुओं की तस्करी करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार, खाल व 2 कछुए बरामद
इंदौर : बाघ (टाइगर) की पुरानी खाल व कछुओं की तस्करी करनें वाले 3 आरोपी पुलिस थाना […]
February 7, 2022 रहे न रहे हम….महका करेंगे…
लता जी का जाना एक युग का अवसान है। वह लता जी जो सुरों का संज्ञान थी, भारत की पहचान थी। […]