बलदेव भाई शर्मा को लाइफ टाइम अवार्ड के साथ 5 मीडिया शिक्षकों का सम्मान।
मीडिया शिक्षा के सौ वर्ष पर सेमिनार।
महात्मा गांधी के विचारों वाली “आचरण” पुस्तिका का लोकार्पण।
इंदौर : स्टेट प्रेस क्लब के भारतीय पत्रकारिता महोत्सव के समापन दिवस के पहले सत्र में “मीडिया शिक्षा के सौ साल” विषय पर विषय विशेषज्ञों के उद्बोधन के साथ ही पांच मीडिया शिक्षकों का सम्मान भी किया गया। दूसरे सत्र में स्वास्थ्य पत्रकारिता और समापन सत्र में महात्मा गांधी के विचारों पर केंद्रित “आचरण” पुस्तक का विमोचन किया गया।
बलदेवभाई को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड।
कुशाभाऊ ठाकरे विवि रायपुर के कुलपति बलदेव भाई शर्मा को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण कुमार अष्ठाना, पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्रा, विधायक जीतू पटवारी, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने सम्मानित करने के साथ ही पत्रकारिता के इस बौद्धिक कुंभ की सफलता के लिए अध्यक्ष प्रवीण खारीवाल को बधाई भी दी।
भारत की पत्रकारिता समाज के प्रति उत्तरदायित्व सिखाती है।
अपने संबोधन में *बलदेव भाई शर्मा *ने कहा भारत की पत्रकारिता समाज के प्रति उत्तरदायित्व और संयम सिखाती है। पत्रकार जन्मजात नहीं होता उसे प्रशिक्षण लेना पड़ता है। यह दुधारी तलवार है, ठीक से नहीं चलाने पर आप की ही गर्दन काट सकती है।आज तकनीकि कौशल, इनोवेशन, डिजिटल सब पढ़ाया जाता है। इसके बाद भी नवोदित पत्रकार एक खबर ठीक से नहीं लिख सकते। किताबी ज्ञान से पत्रकार नहीं बनते, उसका विजन क्लीयर होना चाहिए।
संक्रमण काल से गुजर रहा है मीडिया।
ढाका के वरिष्ठ पत्रकार *प्रो उज्जवल चौधरी *ने कहा बीते जमाने के मुकाबले आज की पत्रकारिता में बहुत बदलाव आ गया है।अब देखते-सुनते हुए हाथों हाथ 256 से लेकर 2 हजार शब्दों में पत्रकारिता करना है। मीडिया संक्रमण काल के दौर से गुजर रहा है। इससे निकलना है तो डेटा जर्नलिज्म, मीडिया लिटरेसी, कर्जंवसन, मोजो जर्नलिज्म आदि में खुद को ढालना होगा।अधिकांश संस्थानों में बीसवी सदी का पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है जबकि मीडिया में इक्कीसवीं सदी में आए बदलाव मुताबिक कोर्स तैयार किया जाना चाहिए।
मीडिया जर्नलिज्म काउंसिल का हो गठन।
कोलकाता से आए स्नेहाशीष सूर्य
ने कहा, मोजो (मोबाइल जर्नलिज्म) को कोर्स में शामिल करना चाहिए। मीडिया में जिस तेजी से बदलाव आ रहे हैं उस मान से कोर्स में भी बदलाव हो। मीडिया-जर्नलिज्म काउंसिल का गठन जरूरी है।
श्रीनगर में आजतक के प्रतिनिधि अशरफ वानी (श्रीनगर) ने कहा जो काम महानगरों में होना चाहिए, पत्रकारिता की बेहतरी का वह काम इंदौर में हो रहा है। अब हर व्यक्ति पत्रकार हो गया है। पत्रकार के लिए यह फायदा है कि सोशल मीडिया से उसे क्लू या सोर्स मिल जाता है लेकिन सोशल मीडिया के जर्नलिज्म की आज भी विश्वसनीयता नहीं है।
नए दौर की पत्रकारिता में बहुत कुछ जानने की जरुरत।
समारोह के विशिष्ठ अतिथि कृष्ण कुमार अष्ठाना ने कहा आज जिस युग में पत्रकारिता पहुंची है उसमें बहुत कुछ जानने समझने की आवश्यकता है।
प्रारम्भ में शकील अख्तर ने विषय प्रवर्तन किया।
समारोह का संचालन कर रहे पूर्व कुलपति डॉ मान सिंह परमार ने कहा अब जरूरी हो गया है कि सरकार केंद्रीय जनसंचार विवि की दिशा में पहल करे। अंत में आभार अभिषेक बड़जात्या ने माना।