जावरा : दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेस वे दुनिया का सबसे बड़ा हाइवे है। 1350 किमी लम्बाई के इस एक्सप्रेस वे से दिल्ली- मुम्बई के बीच की दूरी साढ़े 12 घंटे में तय की जा सकेगी। यह हाइवे राजस्थान, मप्र और गुजरात के पिछड़े क्षेत्रों से गुजर रहा है। इससे इन क्षेत्रों में सम्पन्नता आएगी और युवाओं को रोजगार मिलेगा। सही मायनों में यह एक्सप्रेस वे विकास और समृद्धि का महामार्ग साबित होगा।
ये बात केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कही। वे जावरा में गुरुवार को दिल्ली- मुम्बई एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य का जायजा लेने के दौरान आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। कार्यक्रम में सांसद गुमान सिंह डामोर, अनिल फिरोजिया, सुनील गुप्ता, मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, जावरा के विधायक राजेन्द्र पांडे, रतलाम के विधायक चैतन्य कश्यप, अन्य जनप्रतिनिधि, एनएचएआई के अधिकारी और अन्य विशिष्टजन मौजूद रहे।
12 लेन का कॉरिडोर, फिलहाल बन रहा 8 लेन।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली- मुम्बई एक्सप्रेस वे 12 लेन का बनाया जाना प्रस्तावित है। फिलहाल इसे 8 लेन का बनाया जा रहा है। इसके बनने से 320 मिलियन लीटर ईंधन की बचत होगी। मप्र में इस हाइवे का 245 में से 106 किनी हिस्सा बनकर तैयार हो गया है। शेष 139 किलोमीटर का काम नवम्बर 2022 तक पूरा हो जाएगा। इसकी क्वालिटी भी बहुत अच्छी है। इसके लिए संबंधित निर्माण एजेंसी सहित तमाम अधिकारी बधाई के पात्र हैं। गडकरी ने बताया कि यह एक्सप्रेस वे दोनों ओर से डेढ़ मीटर की बाउंड्रीवॉल से सुरक्षित किया जाएगा ताकि इसपर 120 किमी की गति से वाहनों का निर्बाध आवागमन हो सके।
कारोबार को मिलेगी गति।
गडकरी ने कहा कि इस हाइवे के बनने से कारोबार को गति मिलेगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। हैंडलूम, हेंडीक्राफ्ट, खेती- किसानी को भी बड़ा बाजार Aइससे उपलब्ध होगा। एक्सप्रेस वे से लगी जमीन पर मप्र सरकार के सहयोग से बड़ा इंडस्ट्रीयल व लॉजिस्टिक हब विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। इससे इस क्षेत्र में समृद्धि आएगी और गांव, गरीब, मजदूर व किसानों का भला होगा।
इंदौर- देवास को एक्सप्रेस वे से जोड़ेंगे।
गडकरी ने कहा कि मालवा के शहरों इंदौर, देवास, उज्जैन को एक्सप्रेस वे से जोड़ने के लिए 143 किमी का 4 लेन बनाया जा रहा है, जो इंदौर, देवास, उज्जैन से होकर गरोठ तक जाएगा।
अटल एक्सप्रेस वे भी भारत माला प्रोजेक्ट में शामिल।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अटल एक्सप्रेस वे को भी भारत माला प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया गया है। मप्र, राजस्थान व यूपी को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस वे पर करीब 8 हजार करोड़ की लागत आएगी। 403 किलोमीटर के इस एक्सप्रेस वे का 313 किमी का हिस्सा मप्र में बनेगा। उन्होंने कहा कि दोनों एक्सप्रेस वे पर बड़ी तादाद में पेड़ भी लगाए जा रहे हैं, जिससे ग्रीन बेल्ट विकसित होगा और पर्यावरण भी शुद्ध होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली- मुम्बई और अटल एक्सप्रेस वे मप्र के ग्रोथ इंजन बनेंगे। इससे प्रदेश में विकास की रफ्तार तेज होगी।
पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन दिया गया।
कार्यक्रम के दौरान दिल्ली- मुम्बई एक्सप्रेस वे को लेकर पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन भी दिया गया। अधिकारियों ने अब तक हुए कार्यों से गडकरी को अवगत कराया।
एक्सप्रेस वे पर ही बनाया हेलिपेड।
गडकरी के लिए एक्सप्रेस वे पर ही हेलिपेड बनाया गया था। गडकरी का हेलिकॉप्टर यहीं उतरा और कार्यक्रम के बाद यहीं से इंदौर के लिए उड़ान भरी।