सानंद के मंच पर नाटक किरवन्त की दमदार प्रस्तुति

  
Last Updated:  August 4, 2019 " 04:16 pm"

इंदौर: सानंद न्यास के बैनर तले खंडवा रोड स्थित यूसीसी सभागृह में आयोजित मराठी नाट्य स्पर्धा के दूसरे दिन संस्था प्रयास के कलाकारों ने नाटक ‘किरवन्त’ का मंचन किया। प्रेमानंद गजवी द्वारा लिखित इस नाटक का निर्देशन मुकुंद तेलंग ने किया। मृत्यु बाद के क्रियाकर्म करवाने वाले ब्राह्मण और उसके परिवार के साथ सामाजिक स्तर पर होनेवाले भेदभाव को नाटक में प्रमुखता के साथ उठाया गया। संघ की विचारधारा पर भी नाटक में सवाल खड़े किए गए हैं। लेखक ने संघ के प्रतिनिधि किरदार को निगेटिव शेड में पेश किया है। समाज में व्याप्त एक कुरीति को सामने लाने का प्रयास इस नाटक के जरिये किया गया है। लेखक के मनोभाव को मंच पर उतारने में निर्देशक मुकुंद तेलंग सफल रहे। किरवन्त की भूमिका में प्रथमेश जोशी जान डालने में कामयाब रहे। पत्नी रेवती के किरदार में रेणुका पिंगले ने भी अपनी छाप छोड़ी। सहायक भूमिकाओं में मधु- कुणाल पुंडलिक, ढबू शास्त्री- दीपांशु पुराणिक, दिगम्बर शास्त्री- दिलीप खोपकर, वेदांत शास्त्री- माधव ललित, केशव अभ्यंकर- वसंत साठे, गणु- मुकुंद तेलंग, तात्या- बन्डू मालेकर, आशीष चिंतामणि दयाराम- अशोक पिंपले, और सिद्धेश्वर शास्त्री की भूमिका करण भोगले ने निभाई। सुषमा अवधूत का नैपथ्य और स्वप्निल मुकादम की प्रकाश योजना नाटक को प्रभावी बनाने में मददगार रही। वेशभूषा वैशाली पिंगले और रंगभूषा प्रार्थना अवधूत की थी। कुल मिलाकर यह नाट्य प्रस्तुति ब्राह्मण समाज में अभी भी व्याप्त एक गलत परंपरा की ओर ध्यान दिला गई।

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