इंदौर: रहस्य और रोमांच से भरपूर मराठी नाटक ‘यू मस्ट डाय’ का मंचन सानंद के मंच पर खंडवा रोड स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के सभागृह में किया गया। प्रवेश व वरदा क्रिएशन द्वारा निर्मित, नीरज शिरवईकर लिखित और विजय केकरे द्वारा निर्देशित इस नाटक का कथानक किसी हॉरर फिल्म से कम नहीं था। कसा हुआ निर्देशन, रहस्य की परतों को गहरा करती मंच सज्जा, पार्श्व संगीत और प्रकाश व्यवस्था, कलाकारों का अभिनय और टाइमिंग इतना प्रभावी रहा की दर्शक अंत तक कुर्सियों से चिपके रहे। लीक से हटकर थ्रिल और सस्पेंस से लबरेज इस नाटक को देखना सानंद के दर्शकों के लिए एक अलग अनुभव रहा।
ये था कथानक।
नाटक का कथानक एक बंगले के इर्द – गिर्द घूमता है, जो घने जंगल में स्थित है। एक युवक गाड़ी खराब होने के कारण मदद मांगने इस बंगले में जाता है। सरसराती हवाओं के बीच भयावह रात में युवक जैसे ही बंगले में प्रवेश करता है, उसे व्हील चेयर पर बैठी खून से सनी एक महिला दिखाई देती है, जिसकी मौत हो चुकी होती है। वहां एक अन्य महिला भी मौजूद होती है,जो कहती है कि खून उसने किया है। यहीं से रहस्य और रोमांच का सिलसिला प्रारंभ होता है। नाटक में कुल नौ पात्र हैं और पुलिस की जांच में सभी शक के दायरे में आते हैं। तेजी से घूमते घटनाक्रम में जब अंत में असली हत्यारे का खुलासा होता है तो दर्शक भी हैरान हो जाते हैं। दरअसल, यह नाटक अगाथा क्रिस्टी के अंग्रेजी उपन्यास पर आधारित है, जिसका मराठी नाट्य रूपांतर नीरज शिरवईकर ने किया है।
नाटक में संदेश जाधव ने इंस्पेक्टर घारगे, शर्वरी लोहकरे ने मालती पाठारे और सौरभ गोखले ने महेश माने की प्रमुख भूमिकाएं निभाई। अन्य कलाकारों में अजिंक्य भोसले- सिद्धेश वर्दम,विनीता दाते- मनोरमा पाठारे, हर्षल म्हामुनकर- अमोघ पाठारे, प्रमोद कदम- गोविंद, धनेश पोतदार- इंस्पेक्टर शिंदे और नेहा कुलकर्णी ने ज्यूली का किरदार निभाया।
संगीत अशोक पतकी, प्रकाश योजना शीतल तलपदे, वेशभूषा मंगल केकरे, और रंगभूषा राजेश परब की थी। नाटक की निर्माता अदिति राव और सूत्रधार संतोष शिदम थे। सह निर्देशन सुशील स्वामी का था।
शनिवार को इस नाटक के दो और रविवार को तीन शो सानंद के विभिन्न समूहों के लिए मंचित किए गए।