इंदौर : जबसे बीजेपी- शिवसेना ने महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में वीर सावरकर को भारत रत्न देने की बात को उछाला है, कांग्रेस बैचेन हो गई है। वोटबैंक खोने के डर से वहां तो वह खुलकर इस बात का विरोध नहीं कर पा रही है पर देश के अन्य हिस्सों में कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता बयानों के तीर चलाकर सियासत गरमाने का प्रयास कर रहे हैं। बड़बोले नेता दिग्विजय सिंह के सावरकर विरोधी बयान के बाद छुटभैये नेता भी इस मामले को तूल देकर अपना कद बढाने का प्रयास कर रहे हैं।
शनिवार को कांग्रेस के ऐसे ही कतिपय नेताओं ने वीर सावरकर के खिलाफ एक विवादित पोस्टर गांधी प्रतिमा पर लगा दिया। उनका तर्क था कि गांधीजी की हत्या के षड्यंत्र में सावरकर शामिल थे। इसलिए उन्हें भारत रत्न नहीं दिया जाना चाहिए।
उन्होंने भारत माता बापू से बीजेपी को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की।
निगम अधिकारियों से हुआ विवाद।
गांधी प्रतिमा पर बिना अनुमति विवादित पोस्टर लगाए जाने की सूचना मिलते ही निगम अधिकारी हरकत में आ गए। उन्होंने पोस्टर हटाने की कवायद शुरू की। इसपर पोस्टर लगाने वाले कांग्रेस नेताओं का उनसे विवाद हो गया। काफी देर तक चली जद्दोजहद के बाद निगम अधिकारियों ने पोस्टर हटाकर अपने कब्जे में ले लिया। कांग्रेसी नेताओं का कहना था कि वे सावरकर को भारत रत्न देने के प्रयास का विरोध जारी रखेंगे।