ग्वालियर : सीएम कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह के खिलाफ बयानबाजी कर रहे मंत्री उमंग सिंघार को तो चुप करा दिया है पर अब ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक उमंग सिंघार के पक्ष में खड़े हो गए हैं। उन्होंने उमंग सिंघार द्वारा उठाए गए मुद्दों को सही ठहराया है। श्री सिंधिया ने सिंघार का समर्थन करते हुए बिना नाम लिए दिग्विजय सिंह पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार के कामकाज में किसी का दखल नहीं होना चाहिए। 15 साल की कड़ी मेहनत के बाद कांग्रेस सत्ता में आई है। लोगों को कांग्रेस से बड़ी उम्मीदें हैं। उमंग सिंघार ने जो मुद्दे उठाए हैं उनको सुना जाना चाहिए। श्री सिंधिया ने सीएम कमलनाथ से आग्रह किया कि मतभेद सामने आ रहे हैं तो वे दोनों पक्षों को बुलाकर उनसे चर्चा करें और उनमें सुलह कराएं।
राजपूत और सिसौदिया ने भी साधा दिग्विजय पर निशाना।
सिंधिया समर्थक मंत्री गोविंद राजपूत और महेंद्र सिसौदिया ने भी दिग्विजय सिंह को निशाने पर लेते हुए कहा कि बीजेपी को सत्ता से खदेड़ने में सिंधियाजी ने विधानसभा चुनाव में अथक मेहनत की थी। पूरा चुनाव सिंधिया विरुद्ध बीजेपी लड़ा गया था। उससमय दिग्विजय सिंह कहाँ थे जब कांग्रेसी सड़कों पर संघर्ष कर रहे थे। कांग्रेस के ही
विधायक हीरालाल अलावा ने भी सरकार और पार्टी के में छिड़े घमासान पर असंतोष जताया है। उनका आरोप है कि सरकार आदिवासियों के हितों की अनदेखी कर रही है। निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने तो साफ तौर पर कहा कि इस सरकार में हमारा भविष्य सुरक्षित नहीं है।
कुल मिलाकर कांग्रेस में गुटबाजी फिर चरम पर है। सीएम कमलनाथ बेबस होकर तमाशा देख रहे हैं। किनारे के बहुमत पर टिकी अपनी सरकार को बनाए रखने के लिए सीएम कमलनाथ गुटीय संतुलन साधने की कवायद तो पुरजोर तरीके से कर रहे हैं पर लगता है उनकी कोशिशें बेकार हो रही हैं। ऐसे में आनेवाला समय उनके लिए मुश्किल भरा हो सकता है।