इंदौर : सीहोर में कलेक्टर- एसपी के कथास्थल पहुँचकर पंडित प्रदीप मिश्रा से आशीर्वाद लेने के बाद बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट कर इसे अधिकारियों द्वारा गलती स्वीकार कर माफी मांगने से जोड़ा है।
व्यासपीठ का मान- सम्मान सर्वोच्च।
कैलाश विजयवर्गीय ने अपने ट्वीट में लिखा “सनातन धर्म में व्यासपीठ का मान- सम्मान- स्थान सर्वोच्च है। मुख्यमंत्री@chouhanshivraj जी के निर्देश पर सीहोर जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने व्यासपीठ से माफी मांगकर अपनी गलती स्वीकारी है।”
मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर विजयवर्गीय ने की थी प्रशासन की कड़ी आलोचना।
बता दें कि सीहोर में कथा रोकने सम्बन्धी खबरों के वायरल होने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखकर तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। उन्होंने सीहोर के जिला व पुलिस प्रशासन को अकर्मण्य बताते हुए लिखा था कि पूर्व सूचना होने के बावजूद वह समुचित इंतजाम करने में असफल रहा। इससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है। उन्होंने भोपाल में होनेवाले इज्तिमा का हवाला देते हुए लिखा था कि उसमें भी भारी भीड़ जुटने के कारण लोग और मंत्री जाम में फंसते हैं,पर कभी उसे रोका नहीं गया। कैलाश विजयवर्गीय ने सीहोर जिला प्रशासन को अदूरदर्शी बताते हुए ये भी लिखा था कि 11 लाख रुद्राक्ष बांटे जाने के कारण लाखों की भीड़ जुटेगी, ये प्रशासन को पता था, बावजूद इसके सीहोर जिला प्रशासन ने जरूरी इंतजाम क्यों नहीं किए। कैलाश विजयवर्गीय ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से की थी।
विजयवर्गीय के पत्र के बाद आया था सियासी उबाल।
कैलाश विजयवर्गीय के मुख्यमंत्री को लिखे गए तीखे तेवरों वाले पत्र के बाद ही कथित रूप से कथा रोके जाने का मामला गरमा गया था। कांग्रेस नेताओं ने भी सीहोर पहुँचकर पंडित मिश्रा से मुलाकात कर आशीर्वाद लेने के साथ सीहोर प्रशासन और शिवराज सरकार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने कथा रोकने के लिए पंडित मिश्रा पर दबाव बनाया था।
बहरहाल, कथा सुचारू रूप से चल रही है। पंडित प्रदीप मिश्रा ने भी सीहोर जिला प्रशासन को क्लीनचिट देते हुए कथा आयोजन को राजनीति का मंच न बनाने की अपील की है। ऐसे में यह माना जाना चाहिए कि इसे लेकर मचा सियासी बवाल अब थम जाएगा।