नई दिल्ली : कुन्नूर हेलिकॉप्टर हादसे में अपनी जिंदगी गंवाने वाले देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत का अंतिम संस्कार शुक्रवार को दिल्ली कैंट स्थित बरार चौक पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ कर दिया गया। सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत पार्थिव देह एक ही चिता पर रखी गई थी। चिता को उनकी बेटियों ने मुखाग्नि दी।इस दौरान उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई।
इससे पहले सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके सरकारी आवास पर रखा गया था। कई गणमान्य लोग सीडीएस बिपिन रावत को श्रद्धांजलि देने उनके आवास पर पहुंचे। इनमें गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, तीनों सेनाओं के प्रमुख, रिटायर्ड सैन्य अधिकारी और विशिष्ट जन शामिल थे।
अंतिम संस्कार में मौजूद रहे कई देशों के सेना प्रमुख।
चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के अंतिम संस्कार के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, अन्य राजनेता, सैन्य अधिकारी, विशिष्टजन और कई देशों के सैन्य कमांडर भी मौजूद रहे। श्रीलंका के सीडीएस जनरल शवेंद्र सिल्वा और पूर्व सीडीएस एडमिरल रविन्द्र विजय गुनारत्ने भी सीडीएस रावत के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। इसके अलावा भूटान, नेपाल और बांग्लादेश के सैन्य कमांडर भी बिपिन रावत के अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद रहे।
रास्ते भर लोगों ने बरसाए फूल।
सीडीएस जनरल बिपिन रावत का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर फूलों से सज्जित तोप गाड़ी में रखा गया था। जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका की सरकारी आवास से निकली शवयात्रा करीब 10 किलोमीटर का सफर तय करके दिल्ली केंट स्थित बरार चौक पहुंची। पूरे रास्ते में हाथों में तिरंगा थामें लोगों ने शवयात्रा पर पुष्पवर्षा कर देश के वीर सेनानायक जनरल बिपिन रावत को नमन किया। इस दौरान जनरल बिपिन रावत अमर रहे, भारत माता की जय, वंदे मातरम के नारे रह- रहकर गूंजते रहे। कई युवा तो हाथों में तिरंगा लिए शवयात्रा के साथ- साथ दौड़ लगाते रहे। जहां से भी शवयात्रा गुजरी, ट्रैफिक थम गया। लोगों रुककर अपने जांबाज महानायक को सेल्यूट कर अंतिम विदाई दी।