ई – रिक्शा चालक ने सजगता दिखाते हुए दोनों बालिकाओं को पहुंचाया महिला थाने।
महिला पुलिस ने दोनों बच्चियों को समझाइश देकर किया परिजनों के हवाले।
इंदौर : हमें स्कूल नहीं, अयोध्या घूमने जाना है, ये बात मन में रख, स्कूल ड्रेस मेंदो नाबालिग बहनें रेल्वे स्टेशन पहुंच गई। सजग ई-रिक्शा चालक, बच्चियों की बात सुनकर उन्हें पुलिस के पास ले आया। बाद में महिला पुलिस ने दोनों बच्चियों से पूछताछ कर उन्हें उनके परिजनों के पास पहुंचाया ।
ये रहा पूरा घटनाक्रम।
गुरुवार 18 जनवरी को 6टी व 8 वीं कक्षा में अध्ययनरत दो नाबालिग बालिकाएं, स्कूल ड्रेस पहनकर स्कूल जाने का कहकर घर से निकलीं पर स्कूल न जाते हुए, ई-रिक्शा में बैठकर रेल्वे स्टेशन पहुंच गयी। बालिकाओं की कम उम्र के होने व स्कूल ड्रेस में होने से ई-रिक्शा चालक अमित सिंह को संदेह हुआ और वह उन दोनों बालिकाओं को महिला थाने पर ले आया।
उक्त दोनों नाबालिग बच्चियों के महिला थानें लाए जाने के बाद, अति. पुलिस उपायुक्त (महिला सुरक्षा शाखा) श्रीमती प्रियंका डुडवे, महिला थाना प्रभारी श्रीमती प्रीति तिवारी एवं उपनिरीक्षक गौरी ने दोनों बच्चियों से मित्रवत् व्यवहार कर बातचीत की, तो बच्चियों ने बताया कि उनको स्कूल नहीं बल्कि अयोध्या घूमने जाना है, इसलिये अपने माता – पिता को बिना बताएं वे स्कूल न जाकर अयोध्या जाने के लिए रेल्वे स्टेशन जा रही थी। इस पर महिला पुलिस अधिकारियों ने दोनों के माता-पिता को बुलाकर उनकी काउंसलिंग कर उचित समझाईश दी कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। अभी आप दोनेां छोटे हो। तुम्हें कहीं घूमने जाना ही है तो अपने माता-पिता के साथ जाओं। समझाइश देकर दोनों को उनके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया।
पुलिस अधिकारियों द्वारा ई-रिक्शा चालक की सजगता की प्रशंसा करते हुए, उसके द्वारा किये गये कार्य की सराहना कर उसे धन्यवाद भी दिया गया।
बालिकाओं के परिजनों ने भी इंदौर पुलिस की टीम व रिक्शा चालक को दोनों बच्चियों को सुरक्षित उनतक पहुंचाने के लिए धन्यवाद दिया।