स्वच्छ नदी के रूप में बहने की उम्मीद के साथ कान्ह में अर्पित किया गया शुद्ध जल

  
Last Updated:  March 24, 2025 " 12:05 am"

इंदौर : विश्व जल दिवस की पूर्व संध्या पर कान्ह सरस्वती नदी का कृष्णपुरा छत्री घाट पर अभ्यास मंडल द्वारा आयोजित जल जाजम में शशिकांत शुक्ला, रामेश्वर गुप्ता, शिवाजी मोहिते ने नर्मदा का जल इंदौर लाने के लिए किए गए आंदोलन की गाथा सुनाई। इस आंदोलन की अगुवाई अभ्यास मंडल ने ही की थी। वक्ताओं ने कहा कि यह जनता का आंदोलन था जो सफल रहा।
अभ्यास मंडल मध्य भारत का ऐसा सामाजिक संगठन है जिसने दशकों पहले जल के महत्व और भविष्य में शहर की जल मांग की फिक्र उस समय की, जब इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। तमाम कठिनाइयां, चुनौतियों से पार पाते हुए नर्मदा का जल इंदौर लाने में कामयाबी हासिल की। आज इंदौर का जो मुकाम है,उसका अप्रत्यक्ष कारण नर्मदा के जल की उपलब्धता ही है। वक्ताओं ने कहा, हमारी यात्रा यही नही रुकी, हमारी विरासत कान्ह सरस्वती नदी जो इस मालवा के औद्योगिक नगर की जीवन रेखा थी, जिसके किनारे बडे-बडे ऐतिहासिक घाट बने हैं, अव्यवस्था, अनदेखी और मानवीय स्वार्थ के कारण अपना अस्तित्व खो चुकी है। उसके पुनर्जीवन के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं। अभ्यास मंडल के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और प्रबुद्धजनों ने इस मौके पर शहरवासियों और जिम्मेदारों से मार्मिक अपील करते हुए कलश में शुद्ध जल भर के कान्ह नदी में अर्पित किया। इसका मकसद यह बताना था कि यह नाला नहीं नदी है। शहर कितना भी विकास कर लें, नदी के बगैर सबकुछ अधूरा है। यह कूड़ा करकट, गंदगी डालने की जगह नही बल्कि आस्था, विश्वास और सहयोग का अर्घ्य देने का स्थान है। ताकी हमारी यह गौरवशाली नदी वर्तमान की दयनीय स्थिति से उबर कर आने वाले समय में फिर से कल-कल करती बहे। कार्यक्रम में जल संरक्षण से जुड़ी रचनाएं, जल के महत्व और उस पर गहराते संकट पर हरेराम वाजपेई, वैशाली खरे, ग्रीष्म त्रिवेदी, ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन स्वप्निल व्यास, ने किया। आभार माला सिंह ठाकुर ने माना। कार्यक्रम में मदन राणे, बसंत सोनी, मुरली खंडेलवाल, एम पी शर्मा, कुणाल भंवर, आदित्यप्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे।

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