इंदौर : वर्ष 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की विजय के 50वें वर्ष में प्रवेश होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस वर्ष को ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ घोषित किया गया है।
इस ऐतिहासिक अवसर पर नेशनल वॉर मेमोरियल की ज्योति से प्रज्जवलित ‘स्वर्णिम विजय मशाल’, शहीदों को सम्मान देने एवं आम लोगों तक शौर्य, वीरता एवं बलिदान की गाथा पहुंचाने के लिए पूरे देश में भारतीय सेना के माध्यम से पहुंच रही है।
ये ‘स्वर्णिम विजय मशाल’ महू से एरोड्रम रोड स्थित बीएसएफ कैंपस में पहुंची। वहां से ससम्मान रवींद्र नाट्य गृह में इस मशाल को लाया गया।
सैनिकों व सैन्य परिवारों का सम्मान।
कार्यक्रम में 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले बीएसएफ जवानों, सैनिकों एवं उनके परिवारों का सम्मान किया गया। इस मौके पर लोगों की आंखों में गर्व के आंसू नज़र आए और लगातार तालियां बजतीं रही।
सांसद शंकर लालवानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि ‘स्वर्णिम विजय मशाल’ का इंदौर आगमन पूरे शहर के लिए गौरव का विषय है। भारत के वीर जवान दुनिया की सबसे मुश्किल परिस्थितियों में राष्ट्र की रक्षा करते हैं। 1971 में भारत की विजय ऐतिहासिक थी और इसके 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर निकाली गई मशाल यात्रा सभी शूरवीरों को याद करने और उन्हें धन्यवाद कहने का अवसर है।
स्वर्णिम विजय मशाल बीएसएफ के एरोड्रम स्थित कैम्प से बड़ा गणपति, सुभाष चौक, कृष्णपुरा पुल होते हुए रवींद्र नाट्य गृह लायी गयी। सांसद शंकर लालवानी और बीएसएफ के आईजी अशोक कुमार यादव ने मशाल की अगवानी की।
कार्यक्रम में बीएसएफ के बैंड ने देशभक्ति के गीतों की प्रस्तुति भी दी।