जुलाई तक हर हाल में 100 बेड का अस्पताल शुरू करने के दिए निर्देश
इंदौर : मध्यप्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के प्रयासों के मद्देनजर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ.प्रभुराम चौधरी ने अपने इंदौर प्रवास के दौरान धार रोड स्थित जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण एजेंसी हाउसिंग बोर्ड समेत अन्य अधिकारियों से अस्पताल भवन के निर्माण में देरी पर नाराजगी जताई। हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल की डिजाइन पहले 100 बेड की थी, लेकिन बाद में 300 बेड की होने के कारण फाउंडेशन तैयार करने में देरी हुई है। नए सिरे से एस्टीमेट स्वीकृत होने पर जुलाई 2023 तक 100 बेड का अस्पताल शुरू हो सकेगा। हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि अगले 2 महीने में नीचे की विंग चालू हो जाएगी। डॉ. चौधरी ने कहा कि जुलाई तक हर हाल में 100 बेड का अस्पताल शुरू किया जाए। डॉ. चौधरी ने अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों से चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि विभाग में जो डॉक्टर वर्षों से क्रमोन्नति की राह देख रहे थे उन सभी डॉक्टरों को क्रमोन्नति दी गई है। इसके अलावा डॉक्टरों के लिए अलग से कैडर तैयार किया गया है। प्रदेश के तमाम अस्पतालों में डॉक्टरों की नए सिरे से पदस्थापना की जा रही है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं देने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
गायनिक ओपीडी, वैक्सीनेशन सेंटर और DEIC सेंटर का किया निरीक्षण।
निरीक्षण के दौरान डॉ.चौधरी जिला अस्पताल के परिसर में मौजूद वैक्सीनेशन सेंटर और गायनिक ओपीडी के साथ लेबर रूम भी पहुंचे। यहां उन्होंने मरीजों से चर्चा की। इस दौरान लेबर रूम में भर्ती पायल नामक मरीज से उन्होंने अस्पताल में दी जा रही सुविधाओं के बारे में पूछा। जवाब में पायल की मां मीराबाई ने बताया कि जिला अस्पताल की गायनिक ओपीडी में तमाम सुविधाएं मिल रही हैं। प्रसूता महिलाओं को सुबह दलिया, दूध, लड्डू दिया जा रहा है। यहां बाजार से कुछ नहीं लाना पड़ रहा है। इसके बाद डॉ. चौधरी ने ओपीडी के बाहर महिला मरीजों से बात की। इसके बाद वे सीधे दवाइयों के स्टोर रूम में भी पहुंचे, जहां दवाई वितरण एवं स्टाफ से संबंधित जानकारी अधिकारियों से ली। इस दौरान उन्होंने जिला अस्पताल में उपचार की तमाम व्यवस्थाओं के बारे में सिविल सर्जन एवं अन्य डॉक्टरों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि नंदा नगर प्रसूति गृह को भी अपग्रेडेशन किया जाना है। वहां भी प्रसूता महिलाओं के लिए तमाम सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।