इंदौर : मंगलवार को संपन्न हुए निगम परिषद के सम्मेलन में हुकमचंद मिल मजदूरों के बकाया भुगतान को लेकर हुकमचंद मिल की जमीन हाउसिंग बोर्ड को हस्तांतरित करने संबंधी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित तो हो गया पर आरोप – प्रत्यारोप, छींटाकशी, टोकाटोकी और हंगामें से सम्मेलन अछूता नहीं रहा। यहां तक की एक – दूसरे को देख लेने की धमकी दी गई।
दरअसल, महापौर भार्गव ने निगम सम्मेलन में हुकमचंद मिल की जमीन हाउसिंग बोर्ड को हस्तांतरित करने संबंधी प्रस्ताव रखा और उसे सर्वसम्मति से पारित करने का आग्रह किया। उन्होंने मजदूरों की लड़ाई लड़ने का श्रेय कैलाश विजयवर्गीय, रमेश मेंदोला और अन्य नेताओं को दिया। पार्षद कमल वाघेला ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
विधायक मेंदोला ने अपनी बात रखते हुए मिल के मजदूरों को उनका हक मिलने पर खुशी जताई।
चिंटू चौकसे की बात पर मचा बवाल।
नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने प्रस्ताव का समर्थन तो किया पर इसका श्रेय कांग्रेस और उसके नेताओं को दिया। उनकी इस बात पर की वोट खरीद कर बीजेपी ने जीत हासिल की, सदन का माहौल गरमा गया। बीजेपी पार्षदों ने चिंटू चौकसे के बयान का कड़ा विरोध करते हुए उसे सदन की कार्रवाई से हटाने की मांग की। सभापति द्वारा चिंटू की टिप्पणी को कार्रवाई से विलोपित करने का आश्वासन देने पर सदन का कामकाज आगे बढ़ा।
ठेकेदार की खुदकुशी का मामला उठाने पर फिर मचा बवाल।
चिंटू चौकसे के बाद कांग्रेस पार्षद फौजिया शेख अलीम बोलने के लिए खड़ी हुई।उन्होंने हुकमचंद मिल मजदूरों को न्याय मिलने में 32 वर्ष लगने पर सवाल खड़ा करते हुए बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। फौजिया शेख का कहना था कि न्याय की आस में 24 सौ मजदूर गुजर गए, इसकी जिम्मेदार बीजेपी सरकार है। उन्होंने मोदी सरकार को भी इस मामले में घसीट लिया।इसपर बवाल मच गया। बीजेपी के पार्षदों ने कड़ा ऐतराज जताते हुए मोदी – मोदी के नारे लगाना शुरू कर दिए। उनका कहना था कि कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार दस साल रही पर उसने कभी मजदूरों के बारे में नहीं सोचा। जैसे – तैसे शोर शराबा और आरोप – प्रत्यारोप का दौर थमा तो फौजिया शेख ने विषय से हटकर निगम के ठेकेदार पप्पू भाटिया की खुदकुशी का मामला उठा दिया और भुगतान में देरी को इसके लिए जिम्मेदार बताया, इस बात पर पुनः हंगामा खड़ा हो गया। दोनों ओर से टोकातोकी और शब्दबाण चलाए जाने लगे। जैसे – तैसे सदन की कार्रवाई आगे बढ़ी तो पार्षद राजेश उदावत, महेश बसवाल, बबलू शर्मा ने अपनी बात रखते हुए मजदूरों के हित में फैसला होने पर खुशी जताते हुए उम्मीद जताई की अब मजदूरों को उनकी बकाया राशि का शीघ्र भुगतान हो सकेगा। कांग्रेस पार्षद सोनिला मिमरोट ने न्याय की लड़ाई लड़ते हुए दिवंगत मजदूरों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा की न्याय में हुई देरी के लिए हमें क्षमाप्रार्थी होना चाहिए।
जमीन का हो सही उपयोग।
कांग्रेस पार्षद रुबीना इकबाल खान ने मजदूरों के हित में लिए गए निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि हुकमचंद मिल की जमीन का सही उपयोग हो, ताकि नगर निगम को कोई नुकसान नहीं उठाना पड़े।
अंत में महापौर ने पूरी चर्चा पर अपना जवाब देते हुए आश्वस्त किया कि हुकमचंद मिल की जमीन के उपयोग को लेकर जो भी प्रोजेक्ट फाइनल होगा, उसे मंजूरी के लिए निगम परिषद की बैठक में रखा जाएगा। देर से ही सही पर मजदूरों के हित में अच्छा निर्णय हुआ है, इसका स्वागत किया जाना चाहिए। उन्होंने मिल की जमीन के हस्तांतरण की मंजूरी देने के लिए सीएम शिवराज सिंह का भी आभार व्यक्त किया। महापौर के जवाब के बाद सदन में सर्वसम्मति से हुकमचंद मिल की जमीन हाउसिंग बोर्ड को सौंपने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया। इसी के साथ ही सभापति मुन्नालाल यादव ने बैठक समाप्ति की घोषणा कर दी।
बाद में महापौर पुष्यमित्र भार्गव और विधायक रमेश मेंदोला हॉल में मौजूद हुकमचंद मिल मजदूरों की लड़ाई लड़ने वाले मजदूर नेता नरेंद्र श्रीवंश और श्री धारीवाल के पास पहुंचे। उन्हें मिठाई खिलाकर बधाई दी।