भक्तों ने भगवान के साथ मनाई दीपावली।
प्रभु पधारे धरा पर भक्तों के साथ दीपावली मनाने।
दीपो की रोशनी की तरह सभी का जीवन भी जगमगाता रहे, इसी भाव से किया गया दीपदान।
इंदौर : कार्तिक पूर्णिमा का पावन पर्व, चाँद की रोशनी और दीपों से सजा व्यंकटेश मंदिर का कोना कोना, जिससे अंधेरा भागने पर मजबूर था। दीपों की ज्योति में सजे धजे प्रभु वेंकटेश के मनोहारी दर्शन,वेदों और मंत्रो का उच्चारण,भक्तों द्वारा गोविंदा गोविंदा का जयघोष और पटाखों की गूंज के बीच ऐसा लग रहा था मानो प्रभु स्वयं इस धरा पर भक्तों के साथ दीपावली मनाने पधारे हैं।
दरअसल, कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर 08 नवम्बर मंगलवार को व्यंकटेश देवस्थान, छत्रीबाग में में दीपोत्सव मनाया गया। गोपुरम द्वार से लेकर मंदिर का समूचा परिसर अनगिनत दीपों की रोशनी से दमक रहा था।
चारो ओर इत्र की खुशबू बिखरी हुई थी।
भक्तों ने किया दीपदान।
इस मौके पर मंदिर आनेवाले प्रत्येक भक्त ने ठाकुरजी के दीपदान कर अपने घर – परिवार की सुख – समृद्धि की कामना की।
इस अवसर पर भजनों की मधुर प्रस्तुति भी दी गयी। साथ ही देवस्थान में दीपों के जरिए ही भव्य रंगोली का निर्माण किया गया था। इस दौरान वेंकटेश स्तोत्र,आलवन्दार,वेंकटेश प्रपत्ति, गुरु परंपरा, श्री सूक्त,पुरुष सूक्त सहित अनेक पाठो का गान हुआ।
वेंकटरमण गोविन्दा, श्रीनिवासा गोविन्दा की नाम जप परिक्रमा भी भक्तों द्वारा की गई इसके बाद गोविन्दा गोविन्दा के जयघोष के साथ सायंकाल 6 बजे महाआरती के साथ पट खुले।
श्रीमदजगदगुरु रामानुजाचार्य नागोरिया पीठाधिपति स्वामी श्रीविष्णुप्रपन्नाचार्य जी महाराज के मंगलाशासन में उत्सव सम्पन्न हुआ।
प्रभु वेंकटेश की महाआरती की गई साथ ही बाहर से पधारे संत देवस्थान के पुजारी सुदर्शन आचर्य जी, अंकित जी, संदेश जी ने भी आरती का लाभ लिया।प्रभु को चंवर डुलाए गए।
आरती पश्चात प्रभु की सहस्त्रनामों से अर्चना की गई।सभी भक्तों ने परिक्रमा कर गोविंदा गोविंदा का जय घोष किया सभी भक्तो द्वारा आतिशबाजी की गई और भक्तों ने भगवान के साथ दीपावली मनाई।