योग संकल्प 2024 का आसन अभ्यास कार्यशाला के साथ समापन।
इंदौर : “बीमारियों में आसनों के अभ्यास में मस्तिष्क की शिथिलता का अभ्यास होना चाहिए। चेहरे के भाव नहीं, शरीर के व्यवहार को देखें। शरीर की 206 हड्डियां और 500 से अधिक मांसपेशियां शरीर में संतुलन बनकर हमको चलायमान रखती हैं।वर्तमान समय में जहां नए अनुसंधान हो रहे हैं वहां शरीर, मस्तिष्क को आत्मा से अलग नहीं मानना चाहिए।”
ये विचार हरि ॐ योग केंद्र चेरिटेबल ट्रस्ट, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एवं योग विभाग चोइथराम कॉलेज द्वारा आयोजित योग कार्यशाला में एम्स रायपुर एनाटॉमी विभाग के प्रो. डॉ.मृत्युंजय राठौर ने व्यक्त किए।
उन्होंने शरीर के घुमावों को हड्डियों और मांसपेशियों के समन्वय के उदाहरण के साथ प्रस्तुत किया। पेक्टोरल, हैमस्ट्रिंग, पेल्विक बोन की तकलीफों को सोमेंटोसाइकिक मेकेनिक्स के माध्यम से समझाया। मस्तिष्क के चारों ओर स्थित आनंदमय कोष जिसे ब्लेस्ड माइंड भी कहते हैं के लिए ध्यान के अभ्यास भी कराए।
200 से अधिक डॉक्टर्स,योग विद्यार्थी, योग साधकों ने प्रायोगिक अभ्यास भी किए जिसमें रीढ घुमाव के आसन, संतुलन के आसन प्रमुख थे।
कार्यशाला में अतिथि स्वागत अश्विनी वर्मा, डॉ.अक्षत पांडे, डॉ. हेमंत शर्मा, डॉ. अशोक शर्मा ने किया।संचालन डॉ. संजय लोंढे ने किया।