इंदौर : सत्ता के गलियारों में हड़कम्प मचाने वाले हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में आरोपी महिला आरती व मोनिका की पुलिस रिमांड पुनः 5 दिन के लिए बढ़ा दी गई है। इसी के साथ न्यायिक हिरासत में जेल में बंद दोनों श्वेता और बरखा का भी 30 सितम्बर तक पुलिस रिमांड मंजूर किया गया है।
बचाव पक्ष ने किया पुलिस रिमांड का विरोध
शुक्रवार ( 27 सितम्बर ) को रिमांड अवधि खत्म होने के बाद पुलिस ने आरती व मोनिका को जेएमएफसी मनीष भट्ट की अदालत में पेश किया। पुलिस की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी मोहम्मद अकरम शेख ने एसआईटी के गठन के बाद प्रकाश में आए नए तथ्यों को देखते हुए आरोपी आरती व मोनिका की रिमांड अवधि बढाने और न्यायिक हिरासत में जेल भेजी गई श्वेता पति विजय, श्वेता पति स्वप्निल और बरखा पति अमित की को भी पूछताछ के लिए रिमांड पर पुलिस को सौंपे जाने की मांग की। पांचों महिला आरोपियों के लिये 2 अक्टूबर तक पुलिस रिमांड मांगी गई। बचाव पक्ष की ओर से पेश हुए वकील घनश्याम गुप्ता और अखिल गोधा ने पुलिस रिमांड का विरोध करते हुए कहा कि पुलिस उनकी पक्षकार के मोबाइल, लैपटॉप व अन्य वस्तुएं पहले ही जब्त कर चुकी है। 8 दिन से पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। ऐसे में फिर रिमांड पर लेने की मांग करना समझ से परे है। दोनों श्वेता और बरखा के वकीलों ने भी पुलिस रिमांड की मांग का विरोध किया।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए जेएमएफसी अदालत ने न्यायिक हिरासत में जेल में बंद श्वेता पति विजय, श्वेता पति स्वप्निल और बरखा पति अमित सोनी का 30 सितम्बर तक पुलिस रिमांड मंजूर किया वहीं आरती दयाल व मोनिका यादव का 1 अक्टूबर तक रिमांड बढाया गया। बताया जाता है कि पुलिस अब उसके हाथ लगे सबूतों को लेकर आरोपी महिलाओं से अलग- अलग और आमने- सामने बिठाकर भी पूछताछ करेगी ताकि हनी ट्रैप कांड की तमाम कड़ियों को आपस में जोड़ा जा सके।
आरती ने लगाया था पलासिया टीआई पर दबाव बनाने का आरोप।
पहले से ही रिमांड पर चल रही आरोपी आरती ने पेशी के पूर्व एमवायएच में मेडिकल के लिए ले जाए जाने के दौरान मीडिया के सामने आरोप लगाया की पलासिया टीआई कोरे कागज पर दस्तखत करने के लिए उसपर दबाव बना रहे हैं। हालांकि अदालत में उसने इस बारे में कुछ नहीं कहा।