हर्षोल्लास के साथ मनाया गया असत्य पर सत्य की विजय का पर्व दशहरा

  
Last Updated:  October 24, 2023 " 11:50 pm"

दशहरा मैदान और चिमनबाग सहित सैकड़ों स्थानों पर किया गया बुराई के प्रतीक रावण का दहन।

प्रभु श्रीराम के जयघोष से गुंजायमान रहे आयोजन स्थल।

रंगारंग आतिशबाजी रही आकर्षण का केंद्र।

इंदौर : बुराई के प्रतीक रावण पर मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की विजय का प्रतीक दशहरा पर्व देश, प्रदेश और इंदौर शहर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जगह – जगह अहंकारी रावण के पुतलों का दहन किया गया। आसमान की ऊंचाई से अट्टहास करता रावण पल भर में जलकर खाक हो गया। रावण के खाक होते ही समूचा माहौल प्रभु श्रीराम की जय जयकार से गूंज उठा और लोगों ने एक – दूसरे को विजय पर्व की बधाई दी। इस दौरान जोरदार आतिशबाजी के नजारे भी दिखाई दिए।

दशहरा मैदान पर 111 फीट ऊंचे रावण का दहन।

विजयादशमी पर सैकड़ों स्थानों पर रावण दहन के कार्यक्रम आयोजित किए गए। शहर के पश्चिम क्षेत्र स्थित दशहरा मैदान पर 250 फीट की लंका और 111फीट के रावण का दहन किया गया। शोभायात्रा के साथ दशहरा मैदान पहुंचे प्रभु श्रीराम के बाण से जैसे ही रावण का दंभ चकनाचूर हुआ, यहां उपस्थित हजारों लोगों ने हर्ष ध्वनि करते हुए जय जय सियाराम के नारों से आसमान गूंजा दिया। इस दौरान जोरदार आतिशबाजी भी की गई।

चिमनबाग मैदान में दशहरा उत्सव समिति द्वारा 100 फीट ऊंचे रावण के साथ लंका का भी दहन किया गया। इसके पूर्व रंगारंग आतिशबाजी भी की गई। पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा और इंडेक्स हॉस्पिटल के संचालक सुरेश भदौरिया कार्यक्रम में अतिथि के बतौर मौजूद रहे।हाथों में रंगबिरंगी गुब्बारे लिए हजारों लोगों ने रावण के धराशाई होते ही प्रभु श्रीराम का जयघोष किया।

पूर्वी क्षेत्र दशहरा समारोह समिति के बैनर तले तिलक नगर मैदान पर 51 फीट ऊंचे रावण और 101 फीट लंबी लंका का दहन किया गया।

उशागंज छावनी में 51 फीट के रावण का दहन किया गया।रावण दहन के पूर्व इलेक्ट्रॉनिक आतिशबाजी भी की गई।

विजय नगर चौराहा के समीप स्थित मैदान पर आतंकवाद रूपी रावण का दहन किया गया। यहां 61 फीट ऊंचा रावण बनाया गया था।

रामबाग में 101 फीट के रावण का दहन किया गया। इसके पहले भगवान श्रीराम की शोभायात्रा निकाली गई। सारंगी आतिशबाजी भी आकर्षण का केंद्र रही।

इसके अलावा नगर निगम रोड,जेल रोड सहित सैकड़ों अन्य स्थानों पर भी दशहरा पर रावण के पुतले फूंके गए और अधर्म पर धर्म की विजय का उत्सव मनाया गया।

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