प्रथम पुण्यतिथि पर डॉ. वैदिक स्मरण समारोह आयोजित।
डॉ. वैदिक भारतीयता का पैकेज- डॉ. हिन्दुस्तानी।
डॉ. वैदिक के स्वभाव में आँचलिकता रही- प्रो. सरोज कुमार।
इंदौर : भारतीयता की पहचान के साथ हिंदी पत्रकारिता में अंतरराष्ट्रीय राजनीति की गहरी समझ रखने वाले स्व. वेदप्रताप वैदिक एकमात्र पत्रकार थे। वे सहज और सरल व्यक्तित्व के धनी थे। छात्र जीवन में अपनी मातृभाषा हिंदी में जेएनयू जैसे विवि में शोध प्रबंध लिखने को लेकर उन्होंने जो लड़ाई लड़ी उसकी गूंज उस समय संसद तक में हुई थी और सरकार को नियमों में बदलाव के लिए बाध्य होना पड़ा था।यह बात डॉ. वैदिक स्मरण समारोह में मुख्य अतिथि प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कही।
डॉ. वेदप्रताप वैदिक की पहली पुण्यतिथि पर इन्दौर प्रेस क्लब, मातृभाषा उन्नयन संस्थान और वैदिक परिवार द्वारा गुरुवार शाम इन्दौर प्रेस क्लब में डॉ. वैदिक स्मरण समारोह आयोजित किया गया था।
दीप प्रज्ज्वलन के बाद अतिथि स्वागत प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी, श्वेतकेतु वैदिक, प्रदीप जोशी, शरद डूंगरवाल ने किया। स्वागत उद्बोधन मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने दिया। समारोह का संचालन प्रो. अखिलेश राव ने किया आभार श्वेतकेतु वैदिक ने माना।
इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने डॉ. वैदिक को याद करते हुए उन्हें प्रेस क्लब का मार्गदर्शक व दिल्ली में बसा हुआ इन्दौर बताया।
वैदिकजी के व्यक्तित्व में आंचलिकता थी।
विशिष्ट अतिथि प्रो. सरोज कुमार ने कहा कि वैदिक जी के स्वभाव में आँचलिकता थी, वे कलात्मक व्यक्तित्व के धनी रहे। डॉ. वैदिक ख़बर लिखने वाले कम, ख़बर बनने वाले पत्रकार थे।
विदेशों में वे भारत के प्रतिनिधि बन जाते थे।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी ने कहा कि अद्भुत व्यक्तित्व के धनी डॉ. वैदिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के सरल प्रतिनिधि रहे। कई भाषाओं का उनका ज्ञान और अंतरराष्ट्रीय राजनयिकों से उनके संबंध हमेशा भारत को मज़बूत करते रहे। पड़ोसी देशों के साथ रिश्तों को लेकर भारत की नीति कैसी हो, इसपर वे बेबाकी से अपनी राय रखते थे।
समारोह में प्रो. दयानंद तिवारी, गांधीवादी व्यक्तित्व अनिल त्रिवेदी व कमलेश पारे ने भी संबोधित किया।
आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा, डॉ. पद्मा सिंह, जयसिंह रघुवंशी, सौरभ वैदिक, शिवाजी वैदिक, दीपा व्यास, मुकेश तिवारी, अर्चना मंडलोई, सुनीता फड़नीस, कृष्णपाल सिंह जादौन, आकाश पाठक सहित बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन, पत्रकार और वैदिक जी को जानने – समझने वाले लोग मौजूद रहे।