इंदौर: होली का पर्व देश व प्रदेश के साथ इंदौर में भी हर्षोल्लास से मनाया गया। रंग – गुलाल से एक – दूसरे को रंगकर होली की शुभकामनाएं दी गई। नियम कायदे में रहने वाले जिला प्रशासन के अधिकारी तो होली पर इतने ज्यादा उत्साहित नजर आए की रंगों के साथ कीचड़ में भी सराबोर हो गए।
रहवासी इलाकों में खूब बिखरे होली के रंग।
कोरोना काल के बाद ये पहली होली रही जब लोगों ने बेखौफ होकर रंगों के उल्लास में डूबने का लुत्फ उठाया। निचली बस्तियों से लेकर कॉलोनियों, बहुमंजिला इमारतों और टाउनशिप में होली के रंग बिखरे नजर आए। बच्चे, बूढ़े, युवा, महिलाएं कोई भी रंगों की धमाल मचाने से पीछे नहीं रहे। लोगों ने घर – परिवार, परिचित और नाते – रिश्तेदारों के साथ होली के रंगों में रंगने का आनंद लिया। सड़कों पर युवाओं की टोलियां जरूर डीजे की धुन और होली गीतों पर ठुमके लगाती नजर आई। शहर के विभिन्न स्थानों से युवा समूह में राजवाड़ा पहुंचकर रंगने – रंगाने के साथ नाच गा कर होली के उल्लास को जी रहे थे।
प्रशासनिक अधिकारियों ने खेली कीचड़ से होली।
जिले की प्रशासनिक व्यवस्था संभालने वाले अधिकारी भी होली की मस्ती में डूबे दिखाई दिए। उनपर होली का रंग कुछ ऐसा चढ़ा की रंगों के साथ वे एक – दूसरे को कीचड़ से भी सराबोर करते रहे। संभागायुक्त हो या कलेक्टर कोई भी कीचड़ होली से अछूता नहीं रहा।
पुलिस का रहा माकूल इंतजाम।
होली के मौके पर पुलिस का माकूल इंतजाम रहने से शहर में कोई अप्रिय वारदात नहीं हुई। जगह – जगह बेरिकेटिंग कर पुलिस शराब पीकर वाहन चलाने वालों की धर – पकड़ कर रही थी। सड़कों पर हुड़दंग मचाने वालों को भी पुलिस ने अपने तरीके से समझाइश दी।
अब सभी को है रंगपंचमी का इंतजार।
इंदौर में रंगों की असल छटा तो रंगपंचमी पर ही नजर आती है। पश्चिमी क्षेत्र से निकलने वाली गेर और फाग यात्राओं में उड़ने वाले रंगों के गुबार समूचे माहौल को सतरंगी बना देते हैं। हजारों लोग इन गेर व फाग यात्राओं में अपनी सहभागिता दर्ज कराते हैं। इस बार रंगपंचमी 12 मार्च को है। सभी को उसका बेसब्री से इंतजार है।