14 अक्टूबर को रिलीज होगी फिल्म ‘राज डर का’, नेत्रहीन युवा कलाकार ने दिया है संगीत

  
Last Updated:  October 13, 2022 " 07:00 pm"

इंदौर व आसपास की गई है फिल्म की शूटिंग।

इंदौर से ही जुड़े हैं फिल्म के ज्यादातर कलाकार।

इंदौर : शहर से सटे दतोदा गांव के विजय पांचाल नामक एक ऐसे युवक ने फिल्म ‘राज डर का’ में संगीत दिया है, जो पूरी तरह नेत्रहीन है। विजय ने अपनी इस कमजोरी को अपने काम पर हावी नहीं होने दिया। इस फिल्म में लगभग सभी कलाकार इंदौर एवं आसपास के हैं। शुक्रवार, 14 अक्टूबर को इसका प्रदर्शन इंदौर सहित देशभर के चुनिंदा सिनेमाघरों में होने जा रहा है।

दतोदा निवासी नेत्रहीन विजय म्यूजिक क्रिएशन में है सिद्धहस्त।

फिल्म के निर्देशक लखन गौड़, प्रोड्यूसर लोकेश शर्मा एवं प्रमोद जैन ने बताया कि अब तक केवल संगीत निर्देशक रवींद्र जैन ने ही हिन्दी फिल्मों में नेत्रहीन होते हुए भी संगीत दिया, लेकिन दतौदा गांव के विजय पांचाल की कहानी कुछ अलग है। इस युवा को म्यूजिक अरेंजमेंट और म्यूजिक क्रिएशन में बचपन से ही महारत हांसिल है। आंखें नहीं होने के बावजूद उन्होंने कम्प्यूटर सीखा, उसे चलाया और कम्प्यूटर की मदद से म्युजिक भी तैयार किया है। विजय पांचाल बहुत अच्छे प्यानो प्लेयर भी हैं। उनके कम्प्यूटर में मॉनीटर भी नहीं है, क्योंकि आंखों से देख नहीं पाने के कारण उनके लिए मॉनीटर का उपयोग कोई मायने नहीं रखता। उनके कम्प्यूटर में एक साफ्टवेयर है, जिसकी मदद से वे अपना संगीत तैयार करते हैं। उनका सारा काम केवल कम्प्यूटर के बटन की आवाज पर निर्भर है। वे आवाज सुनकर समझ लेते हैं कि कम्प्यूटर में कौनसा फंक्शन एक्टिव है और उसे क्या कमांड देना है। फिल्म ‘राज डर का’ का पूरा म्यूजिक विजय पांचाल ने ही तैयार किया है। गाने भी उन्होंने संगीत की कर्ण प्रिय धुनों से सजाए हैं, पार्श्व संगीत भी उन्होंने ही तैयार किया है। केवल फाइनल संगीत,फिल्म की टाइम लाइम पर एडिटर ने जमाया है।

ये है फिल्म की कहानी।

फिल्म ‘डर राज का ’ एक ऐसी युवती की कहानी है, जो तमाम विपरीत हालातों के बावजूद अपनी जिंदगी को एक मुकाम तक लेकर जाती है और दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाती है। महिला सशक्तिकरण के साथ ही इस फिल्म के माध्यम से अंधश्रद्धा, जादू-टोना, तंत्र-मंत्र जैसी कुरीतियों पर भी करारा प्रहार किया गया है। फिल्म को सेंसर बोर्ड ने यूए सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। फिल्म की शूटिंग भी इंदौर, मांडव, तिंछा फाल एवं आसपास के रमणीय स्थलों पर की गई है। हिन्दी में बनी इस फिल्म की अवधि 2 घंटे 10 मिनट की है। इसे पूरे परिवार के साथ बैठकर देखा जा सकता है। फिल्म में आयान कपूर, जागृति शेल्के, प्रवीण पुरोहित, पायल राठौर, संतोष पाल, पूजा पाल, आकाशमणी शिवहरे, सरिता तिवारी जैसे सभी कलाकार इंदौर, देवास एवं आसपास के सामान्य पृष्ठ भूमि के युवा हैं। फिल्म में हॉरर दृश्य भी हैं तो रोमांस और प्रेम प्यार से जुड़े प्रसंग भी बहुत बेहतर तरीके से फिमाए गए हैं। फिल्म शुक्रवार 14 अक्टूबर को रिलीज हो रही है।

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