इंदौर : जिला न्यायालय ने मंगलवार देर शाम जारी किए एक आदेश में 2007 में हुए गणगौर घाट मामले में 10 से ज्यादा लोगों को जेल भेज दिया। इन्हें छह माह से 2 साल की सजा सुनाई है। बताया जाता है कि 15 साल पहले गणगौर घाट में हुए विवाद के बाद हिंदू संगठन से जुड़े इन लोगों ने थाने के बाहर प्रदर्शन के दौरान थाने में बम फेंका था। आरोपियों ने छत्रीपुरा थाने में आग लगाने बाद पुलिसकर्मियों को जान से मारने की धमकी दी थी। इन पर शासकीय कार्य में बाधा, बलवा सहित कई धाराएं लगाई गई थी। सभी आरोपियों को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। वहीं से बुधवार को सभी को जेल भेज दिया गया।
जिला कोर्ट के अपर सत्र न्यायाधीश महेश कुमार झा ने 2007 में हुए एक घटनाक्रम में जीतू पुत्र रामचंद्र कुशवाह निवासी छत्रीबाग, बंशी पुत्र दौलत राम चौरसिया निवासी महूनाका, प्रकाश राठौर, किशोर दांगी, नितिन पुत्र सुभाष निगम, शक्ति पाटील, महेश पाटील, विकास, आकाश और अन्य को दो साल से छह माह की सजा सुनाई है। सभी आरोपियों पर आर्थिक दंड भी लगाया गया है।
2007 का है मामला।
आरोपियों ने 13 जुलाई 2007 को छत्रीपुरा थाने में आग लगाने के साथ बम फेंक दिया था। थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों को जान से मारने की धमकी भी दी थी। रोके जाने पर आरोपियों ने विवाद भी किया था। इस मामले में पुलिसकर्मियों की शिकायत पर शासकीय कार्य में बाधा सहित अन्य मामलों में केस दर्ज किया गया था।
सजा पाने वाले बीजेपी संगठन में पद पर काबिज।
जानकारी के मुताबिक सजा पाने वाले जीतू कुशवाह बीजेपी संगठन में पदाधिकारी हैं। वहीं किशोर दांगी वर्तमान पार्षद प्रिया दांगी के जेठ हैं। प्रकाश राठौर पूर्व पार्षद हेमलता राठौर के भाई हैं और बीजेपी संगठन का काम संभालते हैं। इसके साथ ही बंशी चौरसिया पूर्व एल्डरमैन के पद पर रहने के साथ बीजेपी संगठन में कई पदों पर रहे हैं।
रात में थाने पर लगी भीड़।
सजा के आदेश मंगलवार देर शाम कोर्ट से जारी हुए। जेल बंद होने के चलते सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर छत्रीपुरा थाने लाया गया। सजा की जानकारी जैसे ही बीजेपी से जुड़े पदाधिकारियों को लगी तो वे थाने पर इकट्ठा हो गए। पुलिस अधिकारियों की समझाइश के बाद उन्हें रवाना किया गया।