टिकट से वंचित बीजेपी नेता नानूराम ने दशहरा मिलन के जरिए किया शक्ति प्रदर्शन..!

  
Last Updated:  October 30, 2023 " 08:08 pm"

इंदौर : विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 05 से नानूराम कुमावत इस बार बीजेपी से टिकट के लिए प्रबल दावेदारी जता रहे थे। लंबे समय से वे चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रहें थे लेकिन बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने नानूराम सहित अन्य दावेदारों को भी दरकिनार कर फिर एक बार महेंद्र हार्डिया को ही क्षेत्र क्रमांक 05 से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। इसके चलते नानूराम सहित तमाम दावेदारों को झटका लगा।

दशहरा मिलन के जरिए किया शक्ति प्रदर्शन।

महेंद्र हार्डिया को पुनः टिकट दिए जाने से निराश दावेदारी जता रहे अन्य नेताओं में असंतोष तो व्याप्त है पर पार्टी अनुशासन के नाम पर वे खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। हालांकि टिकट के प्रबल दावेदार रहे नानूराम कुमावत ने रविवार को गोयल नगर, रिंगरोड स्थित चमेली पार्क में दशहरा मिलन समारोह का आयोजन कर एक तरह से शक्ति प्रदर्शन किया। समारोह में जिस तरह भीड़ उमड़ी, उसने यह साबित किया कि नानूराम जनाधार वाले नेता हैं और उनकी अनदेखी बीजेपी को भारी भी पड़ सकती है। मिलन समारोह में पहुंचे लोगों से सुझाव पत्र भी भरवाए गए जिसमें उनसे नानूराम कुमावत ने अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर सुझाव मांगे थे।

ये शक्ति प्रदर्शन नहीं लोगों की भावनाओं की अभिव्यक्ति है।

दशहरा मिलन समारोह में पांच हजार से अधिक लोगों के पहुंचने से उत्साहित नजर आ रहे नानूराम कुमावत ने इसे शक्ति प्रदर्शन मानने से इन्कार किया। उनका कहना था कि ये लोगों की भावनाओं की अभिव्यक्ति है की वे क्या चाहते हैं। उन्होंने अपने अगले कदम को लेकर तो पत्ते नहीं खोले लेकिन लोगों से मिले सुझावों के आधार पर आगामी कदम उठाने के संकेत जरूर दिए।

महेंद्र हार्डिया भी पहुंचे समारोह में।

क्षेत्र क्रमांक पांच के विधायक और बीजेपी प्रत्याशी महेंद्र हार्डिया भी नानूराम की नाराजगी दूर करने उनके दशहरा मिलन समारोह में पहुंचे। वे गर्मजोशी के साथ नानूराम से मिले और दशहरा की शुभकामनाएं दी।

बहरहाल, नानूराम कुमावत ने पार्टी का अनुशासन तो नहीं लांघा पर दशहरा मिलन समारोह के जरिए क्षेत्र में अपनी जमीनी पकड़ और लोगों के बीच पैठ का अहसास बीजेपी संगठन को जरूर करवा दिया। अब जनता से मिले सुझावों के आधार पर वे आनेवाले दिनों में क्या कदम उठाते हैं, इस पर सभी की निगाहें रहेंगी। अगर वे और उनके समर्थक चुनाव में तटस्थ भूमिका भी अपना लेते हैं तो इसका नुकसान बीजेपी प्रत्याशी महेंद्र हार्डिया को उठाना पड़ सकता है।

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