नई दिल्ली : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, 1 अप्रैल से केंद्र और राज्य सरकारों के स्वामित्व वाले सभी वाहन, जिनमें परिवहन निगमों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के स्वामित्व वाली बसें शामिल हैं, जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं, उनका पंजीकरण रद्द कर उन्हें स्क्रैप कर दिया जाएगा। अधिसूचना में कहा गया है कि देश की रक्षा, कानून व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के रखरखाव के लिए परिचालन उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले स्पेशल पर्पस व्हीकल (बख्तरबंद और अन्य विशेष वाहन) पर यह नियम लागू नहीं होगा।
इसमें बताया गया है कि, “ऐसे वाहनों का निपटारा, वाहन के प्रारंभिक पंजीकरण की तारीख से 15 वर्ष की समाप्ति के बाद, मोटर वाहन (पंजीकरण और वाहन स्क्रैपिंग के कार्य) नियम, 2021 के मुताबिक स्थापित पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के जरिए सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
केंद्रीय बजट 2021-22 में घोषित इस नीति में निजी वाहनों के लिए 20 साल बाद फिटनेस टेस्ट का प्रावधान है, जबकि कमर्शियल वाहनों के लिए 15 साल बाद इसकी जरूरत होगी।
1 अप्रैल, 2022 से प्रभावी नई नीति के तहत, केंद्र ने कहा है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बाद खरीदे जाने वाले वाहनों के लिए रोड टैक्स पर 25 प्रतिशत तक की छूट प्रदान करेंगे।
पिछले साल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि उनका मकसद हर शहर के केंद्र से 150 किलोमीटर के भीतर कम से कम एक ऑटोमोबाइल स्क्रैपिंग सुविधा विकसित करना है। इसके साथ ही उन्होंने यह दावा करते हुए कहा कि देश में पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र का वाहन स्क्रैपिंग हब बनने की क्षमता है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति शुरू की थी और कहा था कि यह अनफिट और प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने में मदद करेगी और एक सर्कुलर इकोनॉमी को भी बढ़ावा देगी।