इंदौर प्रेस क्लब के मीडिया कॉन्क्लेव में सुनाई नवाचार की कहानी।
इंदौर : शहर में जनभागीदारी से विकास कार्य की प्राचीन परम्परा रही है, जिसे देवी अहिल्या बाई ने शुरू किया था। इसी परम्परा को हम आगे बढ़ा रहे हैं। जब स्वच्छता का सर्वे शुरू हुआ था, तब हम 47वें नंबर पर थे, अब नागरिकों के सहयोग की बदौलत लगातार पहले नंबर पर हैं और आगे भी बने रहेंगे। इंदौर देश का पहला शहर है, जहां 6 हिस्सों में कचरा उठवाया जा रहा है तथा उसका निष्पादन भी हो रहा है। आनेवाले समय में एप के माध्यम से कचरा संग्रहण और प्रबंधन की दिशा में भी हम आगे बढ़ रहे हैं।
यह बात महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कही। वे इंदौर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित मीडिया कॉन्क्लेव के तीसरे दिन के प्रथम सत्र ‘ नवाचार के शहर इंदौर की कहानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव की जुबानी’ विषय पर बोल रहे थे।
2050 के विकास मॉडल पर किया जा रहा है काम।
नवाचारों पर चर्चा करते हुए महापौर ने कहा कि हमने जो नवाचार किए हैं, उसका असर आने वाले दिनों में दिखाई देगा। इन्हें 2050 के मॉडल के आधार पर तैयार किया गया है, जिसके जरिए नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि हमने नवाचार के जरिए बिजली बिल में 22 करोड़ की बचत की है। सबसे बड़ा खर्च नर्मदा जल को लाने में होता था, इसके लिए हमने जलूद में सोलर पार्क का निर्माण किया है। साथ ही 26 हजार दुकान, घरों और कार्यालयों में सोलर रूफटाप स्थापित किए हैं, जिसके जरिए 100 मेगावाट बिजली उत्पादित हो रही है। यह आत्मनिर्भर नगर निगम बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आज बिजली के मामले में जितना खर्च आता है, उतनी ही बिजली जनरेट कर पा रहे हैं।
महापौर बना तब ठेकेदारों के 800 करोड़ देना थे।
पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि जब मैं महापौर बना था, तब निगम के ठेकेदारों का नगर निगम पर 800 करोड़ रुपए बकाया था। एक साल के भीतर आधी राशि यानि 400 करोड़ रुपए चुका दिए गए हैं। जल्द ही बकाया राशि का भी भुगतान कर दिया जाएगा। भविष्य में नगर निगम पर भारी देनदारियां न हों इसके भी प्रबंध किए जा रहे हैं।
दस्तावेजों का किया जा रहा डिजिटलाइजेशन।
उन्होंने बताया कि नवाचार की दिशा में डिजिटलाइजेशन पर भी हमारा जोर है। निगम के सभी विभागों में यह काम जारी है और अब तक चार लाख दस्तावेजों को सुरक्षित किया जा चुका है। 2050 के मॉडल को ध्यान में रखते हुए सड़क, पानी और बिजली की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आगामी योजनाओं पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के काम को लेकर इंदौर के पत्रकारों और मीडिया की सकारात्मक भूमिका रहती है। उनकी सक्रियता हमें ऊर्जावान बनाती है तथा हमारा मार्गदर्शन भी करती है।
नगर निगम को बना आत्मनिर्भर।
महापौर भार्गव का कहना था कि इंदौर नगर निगम को आत्मनिर्भर बनाने पर हमारा फोकस है। बीते वित्तीय वर्ष में हमने एक हजार करोड़ का राजस्व विभिन्न करों के माध्यम s जुटाया है। इसके चलते निगमकर्मियों के वेतन – भत्तों सहित अन्य खर्चों के लिए किसी का मुंह नहीं ताकना पड़ेगा।
नर्मदा के चतुर्थ चरण पर चल रहा काम।
महापौर भार्गव ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या को पेयजल की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए नर्मदा के चौथे चरण पर काम किया जा रहा है। अगले तीन – चार वर्षों में इंदौर को कुल 900 एमएलडी पानी मिलने लगेगा।
प्रारंभ में स्वागत भाषण इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी ने दिया। सत्र का संचालन उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी ने किया। स्वागत महासचिव हेमंत शर्मा, कोषाध्यक्ष संजय त्रिपाठी, कार्यकारिणी सदस्य विपिन नीमा ने किया। एसोसिएटेड प्रेस-एपी के वरिष्ठ फोटो जर्नलिस्ट राजेश कुमार सिंह द्वारा लिखी गई पुस्तक कुशीनगर महापौर भार्गव को इंदौर प्रेस क्लब की तरफ से शैलेश पाठक और अजय शारडा ने भेंट की।
स्व. राजेंद्र माथुर का किया पुण्य स्मरण।
मूर्धन्य पत्रकार स्व. राजेंद्र माथुर की पुण्यतिथि एवं इंदौर प्रेस क्लब के स्थापना दिवस के मौके पर पत्रकार साथियों ने ग्रेटर कैलाश तिराहा स्थित राजेंद्र माथुर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनका पुण्य स्मरण किया। इस मौके पर पद्मश्री भालू मोढ़े, इंदौर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरविंद तिवारी, उपाध्यक्ष प्रदीप जोशी, महासचिव हेमंत शर्मा, कार्यकारिणी सदस्य अभय तिवारी, वरिष्ठ पत्रकार नीलमेघ चतुर्वेदी, महेंद्र दुबे, मुकेश तिवारी, नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र गरोठिया, डॉ. अर्पण जैन, कमलेश सेन, विमल गर्ग, मदन दुबे, धर्मेश यशलाहा, सुरेश सालुंके, अखिल हार्डिया, मनसुख परमार, राजेंद्र गुप्ता, लक्ष्मीकांत पंडित, महेश शर्मा, शैलेन्द्र श्रीमाल, मुकेश भार्गव, जयसिंह रघुवंशी सहित बड़ी संख्या में मीडिया के साथी उपस्थित थे।