21 दिसंबर से प्रारंभ होगा 66 वा अखिल भारतीय गीता जयंती महोत्सव

  
Last Updated:  December 18, 2023 " 08:45 pm"

जगद्गुरु शंकराचार्य सहित 50 से अधिक संत – महात्मा श्रद्धालुओं को देंगे मार्गदर्शन।

सनातन धर्म – संस्कृति से जुड़े मुद्दों पर डाला जाएगा प्रकाश।

अनेक सामाजिक विषयों पर होगा विचार-मंथन।

प्रतिदिन सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों पर दिलाई जाएगी शपथ।

इंदौर : गीता भवन पर 66वें अ.भा. गीता जयंती महोत्सव का शुभारंभ गुरुवार, 21 दिसम्बर को दोपहर 1 बजे वैदिक मंगलाचरण एवं शंख ध्वनि के बीच दीप प्रज्ज्वलन के साथ होगा।जगदगुरु शंकराचार्य पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के सान्निध्य एवं अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य, जगदगुरु स्वामी रामदयाल महाराज की अध्यक्षता में इस महोत्सव का शुभारंभ होगा। गीता जयंती का मुख्य महापर्व शनिवार 23 दिसम्बर को गीताजी के सामूहिक पाठ के साथ मोक्षदा एकादशी को मनाया जाएगा। संत विद्वानों के प्रवचन प्रतिदिन दोपहर 1 से शाम 5.30 बजे तक होंगे। गीता जयंती के साथ ही सात दिवसीय श्री विष्णु महायज्ञ भी 21 से 27 दिसम्बर तक आचार्य पं. कल्याणदत्त शास्त्री के निर्देशन में प्रतिदिन सुबह 8 से 12 एवं दोपहर 3 से सायं 6 बजे तक होगा। इस बार ट्रस्ट मंडल द्वारा गीता जयंती महोत्सव को सनातन धर्म एवं संस्कृति के लिए समर्पित रखने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु सनातन धर्म के संवर्धन एवं संरक्षण के लिए संतों की साक्षी में एक-एक संकल्प लेंगे। सामाजिक सरोकार से जुड़े मुद्दों पर भी विचार-मंथन होगा।

राम जन्मभूमि न्यास के कोषाध्यक्ष आचार्य स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज भी पधारेंगे।

गीता भवन ट्रस्ट के अध्यक्ष राम ऐरन, मंत्री रामविलास राठी एवं कोषाध्यक्ष मनोहर बाहेती ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 66वें गीता जयंती महोत्सव में देश के प्रख्यात संत-विद्वानों के आगमन का क्रम शुरू हो गया है। महोत्सव में जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती, अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य, जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष राष्ट्र संत आचार्य स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज, जगदगुरू वल्लभाचार्य गोस्वामी वल्लभराय महाराज (सूरत), जगदगुरू रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य महाराज (अशर्फी भवन, अयोध्या), महामंडलेश्वर स्वामी जगदीशपुरी महाराज शकरगढ़ (राज.), महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती (सनातन आर्श विद्या प्रतिष्ठान), महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद महाराज (अन्नपूर्णा आश्रम इंदौर), महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप (अखंड धाम आश्रम, इंदौर), महामंडलेश्वर स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती (श्री श्रीविद्याधाम इंदौर), महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद महाराज (हरिद्वार), जीवन प्रबंधन गुरू पं. विजयशंकर मेहता (उज्जैन), कथा रसिक युवा संत पुंडरिक गोस्वामी (वृंदावन), युवा वैष्णवाचार्य द्वितीय पीठ युवराज गोस्वामी वागधीश बाबाश्री (विट्ठलनाथ मंदिर नाथद्वारा-उदयपुर), गोस्वामी दिव्येश कुमार महाराज (गोवर्धन नाथ मंदिर नाथद्वारा-इंदौर), गोधरा (गुजरात) की भगवती स्वरूपा साध्वी परमानंदा सरस्वती, डाकोर से स्वामी देवकीनंददास, चिन्मय मिशन इंदौर के स्वामी प्रबुद्धानंद सरस्वती, वेदांत आश्रम इंदौर के स्वामी आत्मानंद सरस्वती, रामकृष्ण मिशन इंदौर के सचिव स्वामी निर्विकारानंद, उज्जैन के स्वामी वीतरागानंद, हरिद्वार साधना सदन के स्वामी सर्वेश चैतन्य महाराज, जोधपुर के रामस्नेही संत हरिराम शास्त्री, उदयपुर के संत माणकराम रामस्नेही, उदयपुर के ही चेतनराम महाराज, गोराकुंड रामद्वारा इंदौर के संत अमृतराम महाराज,नेमिषारण्य के स्वामी पुरुषोत्तमानंद सरस्वती, हरिद्वार गंगेश्वर धाम के स्वामी दिव्यानंद, हरिद्वार के ही महंत स्वामी प्रकाश मुनि एवं गोपाल मुनि तथा स्वामी श्रवण मुनि, उज्जैन के स्वामी असंगानंद, संत रामकृष्णाचार्य, अजमेर की साध्वी अनादि सरस्वती, पानीपत की साध्वी ब्रह्मज्योति सरस्वती,गोंडा (उ.प्र.) के पं. प्रहलाद मिश्र रामायणी, भदौही के पं. पीयूष महाराज रामायणी एवं पं. सुरेश शरण, वाराणसी के पं. रामेश्वर त्रिपाठी, आगरा के राष्ट्रसंत हरियोगीजी एवं भीकनगांव के पं. पीयूष महाराज सहित 50 से अधिक संत एवं विद्वान इस महोत्सव में प्रतिदिन दोपहर 1 से 5.30 बजे तक सत्संग सत्र में अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा करेंगे।

सनातन धर्म, संस्कृति से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर डालेंगे प्रकाश।

गीता जयंती महोत्सव में आने वाले संत, विद्वानों से आग्रह किया गया है कि वे इस बार सनातन धर्म एवं संस्कृति पर आधारित ज्वलंत मुद्दों पर धर्मालुजनों का मार्गदर्शन कर प्रतिदिन सत्र के समापन अवसर पर श्रद्धालुओं को संकल्प भी दिलाएं कि वे सनातन धर्म के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए स्वयं आचरण करेंगे तथा अपने बच्चों और आसपास के लोगों को भी प्रेरित करें। बाहर से आने वाले संतों एवं भक्तों के लिए भंडारे की व्यवस्था इस बार भी शनि उपासक मंडल के प्रदीप अग्रवाल के सहयोग से की जाएगी। महोत्सव के लिए गीता भवन परिसर में भक्तों की सुविधा के समुचित प्रबंध किए गए हैं।

शंकराचार्यजी 23-24 को आएंगे।

गीता जयंती महोत्सव में जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज 23 एवं 24 दिसम्बर को, श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष राष्ट्रसंत गोविंददेव गिरि महाराज 27 दिसम्बर को, जगगुरू वल्लभाचार्य गोस्वामी वल्लभराय महाराज (सूरत) 26 एवं 27 दिसम्बर को, शकरगढ़ (राज.) के महामंडलेश्वर स्वामी जगदीशपुरी महाराज 22-23 दिसम्बर को, महामंडलेश्वर प्रणवानंद सरस्वती महाराज 21 से 23 दिसम्बर तक, जीवन प्रबंधन गुरू पं. विजय शंकर मेहता 22 दिसम्बर को, गोधरा की साध्वी परमानंदा सरस्वती 21 से 25 दिसम्बर तक, जोधपुर के रामस्नेही संत हरिराम शास्त्री 22-23 दिसम्बर को, अशर्फी भवन अयोध्या के जगदगुरू श्रीधराचार्य महाराज 27 दिसम्बर को गीता जयंती महोत्सव में शामिल होंगे।

पत्रकार वार्ता में गीता भवन ट्रस्ट मंडल के संरक्षक गोपालदास मित्तल, न्यासी मंडल के विनोद अग्रवाल, टीकमचंद गर्ग, प्रेमचंद गोयल, दिनेश मित्तल, महेशचंद्र शास्त्री, हरीश माहेश्वरी, पवन सिंघानिया, राजेश गर्ग केटी एवं सोमनाथ कोहली भी उपस्थित थे।

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