इंदौर : मरीमाता चौराहा स्थित सिद्ध विजय गणेश मंदिर शनिवार सुबह बोल बम और भोलेनाथ के जयघोष से गूंज उठा। अवसर था, बाणेश्वरी कावड़ यात्रा के शुभारंभ का। इस बार कोरोना त्रासदी के चलते ‘डाक कावड़ यात्रा’ निकाली जा रही है, जिसका शुभारंभ पूर्व पार्षद राजेंद्र शुक्ला ने सिद्ध विजय गणेश का पूजन एवं 21 श्रद्धालुओं को विदाई देकर किया।
बाणेश्वरी कावड़ यात्रा के संयोजक गोलू शुक्ला ने बताया कि सुबह रिमझिम फुहारों के बीच मरीमाता चौराहे से 21 श्रद्धालु यात्री बस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए महेश्वर के लिए रवाना हुए। हर वर्ष की परंपरा अनुसार चौराहे पर सभी श्रद्धालुओं ने पौधे भी रोपे। महेश्वर पहुंचने पर मां नर्मदा का दुग्धाभिषेक कर चुनरी समर्पित की गई। इसके बाद बाद देवी अहिल्या की प्रतिमा के पूजन के बीच चीनी सामान के बहिष्कार का संकल्प भी दिलाया गया। यात्रा प्रभारी दीपेंद्रसिंह सोलंकी ने बताया कि गत 17 वर्षों से चली आ रही कावड़ यात्रा की परंपरा का निर्वाह तथा प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए यह कावड़ यात्रा 30 घंटे में पूरी होगी। इस यात्रा में दो श्रद्धालु दो कावड़ों में नर्मदा का जल लेकर प्रत्येक पांच किमी बाद बस में सवार कावड़ यात्रियों को बारी-बारी से सौंपते जाएंगे। इसे डाक कावड़ यात्रा कहा जाता है। इस तरह 180 किमी की यह यात्रा रविवार की संध्या को उज्जैन पहुंचेगी। प्रतिवर्ष इस यात्रा में 5 हजार से अधिक कावड़िये शामिल होते हैं लेकिन इस बार मात्र 21 श्रद्धालु गए हैं। इस बार यात्रा के स्वागत सत्कार पर पूरी तरह प्रतिबंध रखा गया है।
संयोजक गोलू शुक्ला के अनुसार महेश्वर से चलकर यह यात्रा शनिवार को गुजरी, मानपुर होते हुए रात्रि को महू पहुंच गई है, जहां से रविवार सुबह इंदौर के लिए प्रस्थित होगी। राजवाड़ा स्थित देवी अहिल्या की प्रतिमा पर अभिषेक पूजन के बाद यात्रा मरीमाता होते हुए सांवेर रोड, रेवती रेंज, धरमपुरी, सांवेर होकर शाम 6 बजे तक उज्जैन पहुंच जाएगी। उज्जैन में सोमवार को सुबह नर्मदा के पवित्र जल से महांकालेश्वर का अभिषेक कर सभी यात्री विश्व को कोरोना मुक्त बनाने एवं प्रदेश को सुख, शांति एवं समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ाने की प्रार्थना करेंगे।
21 श्रद्धालुओं के साथ हुआ बाणेश्वरी डाक कावड़ यात्रा का आगाज..!
Last Updated: July 11, 2020 " 04:48 pm"
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