आडवानी हिम्मत दिखाते तो विश्व के नेता होते- बाबा मौर्य

  
Last Updated:  August 6, 2020 " 09:29 am"

*रामलला के लिए अस्थाई तंबू बनाने वाले बाबा का बड़ा खुलासा*

*प्रदीप जोशी*

इंदौर : राम मंदिर आंदोलन से जुड़े लाखों कार सेवकों में एक बड़ा नाम बाबा सत्यनारायण मौर्य का भी है। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चित्रकार रहे मौर्य उन दिनों खासे चर्चा में थे। ‘राम लला हम आएंगे, मंदिर वही बनाएंगे’ का नारा देने वाले बाबा मौर्य के बनाए तंबू में ही राम लला इतने सालों से विराजमान हैं। बाबा कहते हैं कि ढांचा ढहाने के बाद आडवानी जी हिम्मत दिखाते तो आज विश्व के नेता  होते। यह बात बाबा ने उस दिन कही जब राम मंदिर का श्रेय लेने की जुबानी जंग चल रही है। राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन पर बाबा मौर्य की चर्चा इसलिए भी लाजमी है क्योंकि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में कारसेवा हुई थी। उस मंच का संचालन सत्यनारायण मौर्य ने किया था। वह मंजर और पूरे आंदोलन की यात्रा, बाबा की स्मृति में स्थाई रूप से अंकित है। बाबा मौर्य का कहना है कि मंदिर तो बन चुका था, यह शुरूआत तो भव्य बनाने की हुई है। लाखों कारसेवकों का सपना मोदी जी ने पूरा किया है।

*आडवानी जी नहीं चाहते थे ढांचा टूटे -*

बाबा मौर्य ने 6 दिसंबर के दिन को याद करते हुए बताया कि कारसेवा का यह आयोजन विश्व हिन्दू परिषद ने किया था। मंच पर आडवानी जी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, अशोक सिंघल सहित तमाम हस्तियां विराजमान थी। उस सभा का संचालन मेने ही किया था। सामने लाखों की तादाद में कारसेवक जमा थे। यह वो जुनूनी कारसेवक थे जो तमाम बाधाओं को पार करते हुए अत्याचार सहते हुए जमा हुए थे। आडवानी जी सहित तमाम नेता चाहते थे कि प्रतिकात्मक कारसेवा हो और कारसेवक लौट जाए मगर रामजी के भक्तों का इरादा कुछ और ही था। तमाम समझाइश के बाद भी बाबरी ढांचा ढहा दिया गया।

*मंदिर तो है उसे भव्य बनाया जा रहा है -*

कार सेवा से पूर्व  रामलला की प्रतिमा हटा ली गई थी। ढांचा ढहते ही भगदड़ मच गई। तमाम नेताओं को नजरबंद कर दिया गया मगर हम जैसे कार्यकर्ता तैनात रहे। रामलला की प्रतिमा को पुन: विराजमान किया गया। बाबा ने बताया कि शेड बनाने के लिए कुछ नहीं था मेरे पास पैंटिंग बनाने का कपड़ा था गुलाबी कलर के इस टाट के कपड़े को वही पड़े पुराने खंबे और एंगल जोड़ कर तंबू खड़ा किया गया। आज 28 साल हो गए राम लला उसी हमारे बनाए तंबू में हैं। बाबा कहते है कि मंदिर तो हमने खड़ा कर दिया था। उसे भव्य मंदिर बनाने का शुभारंभ प्रधानमंत्री मोदी ने किया है।

*यूपी सरकार का आमंत्रण था पर गए नहीं -*

यूपी सरकार द्वारा जिन चुनिंदा लोगों को भूमिपूजन कार्यक्रम में बुलाया गया  उनमे बाबा भी शामिल थे पर वे इंदौर से गए नहीं।  फक्कड मिजाज बाबा मौर्य आज भी भारत माता का गुणगान करते हुए क्रांतिकारियों की गाथा सुनाने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि हम जैसे लोगों का अभी वहा कोई काम नहीं। जैसे जैसे निर्माण कार्य गति पकड़ेंगे तब हमारी जरूरत पड़ेगी।

*पूरी रात सुनाई आंदोलन की कहानी -*

भूमिपूजन कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर इंदौर की एक संस्था द्वारा संगम नगर में आयोजित कार्यक्रम में बाबा मौर्य ने मंदिर आंदोलन की शुरूआत से लेकर ढांचा ढहाने और तंबू में रामलला को विराजमान करने की गाथा संगीतमय रूप से चित्र बनाते हुए सुनाई। सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफार्म पर इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया। शाम से शुरू हुआ आयोजन तड़के चार बचे खत्म हुआ। 

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