नई दिल्ली : जम्मू- कश्मीर को लेकर पिछले कुछ दिनों से चला आ रहा सस्पेंस सोमवार को खत्म हो गया। मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू- कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया और उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। जम्मू कश्मीर को भी केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है पर दिल्ली की तर्ज पर वहां विधानसभा का अस्तित्व होगा हालांकि कानून व्यवस्था का मामला राज्यपाल के पास होगा। याने पुलिस राज्यपाल के अधीन होगी। जम्मू- कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 के एक उपबन्ध को छोड़कर शेष सभी उपबन्ध हटा दिए गए हैं। धारा 35A को भी खत्म कर दिया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस सिलसिले में जम्मू- कश्मीर पुनर्गठन विधेयक राज्यसभा में पेश करते हुए ये जानकारी दी। विपक्ष के भारी हंगामें के बीच उन्होंने ये साफ कर दिया कि धारा 370 के एक छोड़ शेष सभी उपबन्ध हटाने संबंधी गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।
ये होगा प्रभाव।
1.जम्मू- कश्मीर पुनर्गठन विधेयक के पारित होते ही स्वतंत्र राज्य के बतौर जम्मू- कश्मीर का अस्तित्व नहीं रहेगा।
2. जम्मू- कश्मीर को अब दो हिस्सों में बाट दिया गया है। लद्दाख अलग केंद्र शासित प्रदेश होगा। वहां प्रशासन के सूत्र उपराज्यपाल के हाथों में होंगे।
3. जम्मू- कश्मीर को भी केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है हालांकि उसकी अपनी विधानसभा होगी।
4. जम्मू- कश्मीर की पुलिस राज्यपाल के अधीन होगी।
5. देश का संविधान अब जम्मू- कश्मीर पर पूरी तरह लागू होगा।
6. देश के अन्य राज्यों के लोग भी वहां जमीन खरीद सकेंगे।
7. निवेशक वहां कल- कारखाने खोल सकेंगे। इससे कश्मीरी युवाओं को रोजगार मिल सकेगा।
8. एक विधान, एक निशान की संकल्पना साकार होगी।
संघ प्रमुख और शिवसेना प्रमुख ने जताई खुशी।
आरएसएस रमुख मोहन भागवत और शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने जम्मू – कश्मीर से धारा 370 को बेदखल किये जाने पर खुशी जताई है। उन्होंने इसके लिए मोदी सरकार का अभिनंदन किया है। वाइएसआर, बीजेडी, आप और बीएसपी का समर्थन भी सरकार को मिल गया है।
कांग्रेस ने किया विरोध।
जम्मू- कश्मीर को दो हिस्सों में विभाजित करने और धारा 370 के एक छोड़ सारे उपबन्ध हटाने का कांग्रेस ने विरोध किया। उसका कहना है कि सरकार ने बिना विपक्ष को विश्वास में लिए यह कदम उठाकर लोकतंत्र की हत्या की है।
एसपी, सीपीएम, टीएमसी, डीएमके ने भी धारा 370 को हटाने का विरोध किया है।
लोकतंत्र के लिए काला दिन।
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने जम्मू- कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने पर विरोध जताते हुए इसे लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया। एनसी नेता उमर अब्दुल्ला ने इसे कश्मीर के लोगों के साथ विश्वासघात बताया है।
देशभर में मनाया गया जश्न।
जम्मू- कश्मीर की जिस धारा 370 को हटाने के लिए बरसों से कवायद चल रही थी, अब जाकर वो फलीभूत हो गई। कश्मीर से हकाले गए पण्डितों में तो खुशी की लहर दौड़ गई। उन्होंने देशभर में जश्न मनाकर अपनी खुशी का इजहार किया। समाज के तमाम वर्गों ने सरकार के इस ऐतिहासिक कदम का स्वागत किया है।!