इंदौर : फर्जी लूट का पुलिस थाना बाणगंगा ने कुछ घण्टे में ही पर्दाफाश कर दिया। फरियादी ने ही प्लाट की किश्त समय पर नहीं चुकाने के लिए फर्जी लूट की साजिश रची थी। फरियादी द्वारा स्वयं छिपाए गए लूट के 07 लाख रुपये भी पुलिस ने बरामद कर लिए हैं।
ये था पूरा मामला।
पुलिस थाना बाणगंगा पर दिनांक 21 मार्च 2023 को शाम 04 बजे कण्ट्रोल रूम से सूचना प्राप्त हुई कि सचिन राठौर नाम के व्यक्ति के साथ लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन के पास 07 लाख रुपए की लुट हो गई है. सूचना की तस्दीक हेतु चौकी भागीरथपुरा प्रभारी उपनिरीक्षक महेश सिंह चौहान एवं जगदीश मालवीय को तत्काल मौके पर भेजा गया। उन्होंने घटना की तस्दीक करते हुए फरियादी सचिन राठौर निवासी मुखर्जी नगर बाणगंगा इन्दौर से पूछताछ की।उसने बताया कि वह गोल्ड लोन दिलाने वाला एजेंट है। उसने दिनांक 21.03.2023 को एचडीएफसी, कोटक एवं आईसीआईसीआई बैंक से कुल 07 लाख रुपये निकाले थे, जिनको लेकर शाम को करीब 04 बजे एमआर 04 रोड से अपने घर मुखर्जी नगर जा रहा था। रास्ते में लक्ष्मीबाई रेल्वे स्टेशन के पास पीछे से मोटर साईकिल पर दो नकाबपोश लोग आए, पिस्टल अड़ाई और बैग में रखे 07 लाख रुपये छीन कर भाग गए। उनकी मोटर साईकिल पर नंबर प्लेट नही थी। फरियादी सचिन राठौर की रिपोर्ट पर तत्काल अज्ञात बदमाशों के विरुद्ध अपराध धारा 392 भादवि का पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
थाना बाणगंगा पुलिस टीम द्वारा फरियादी सचिन राठौर से पूछताछ की गई। फरियादी के द्वारा बताए अनुसार घटना स्थल लक्ष्मीबाई रेल्वे स्टेशन के आसपास सीसीटीवी फुटेज चेक किए गए जिनमें फरियादी जाता हुआ दिखाई दिया लेकिन फरियादी के आगे – पीछे बताए हुलिए का कोई भी व्यक्ति आता-जाता दिखाई नही दिया। फरियादी ने जिस बैंक से रुपये निकाले थे उक्त स्थान पर भी फुटेज में फरियादी के आसपास कोई संदिग्ध दिखाई नही दिया।
पूछताछ में फरियादी ने बताया कि उसने श्रीकृष्ण एक्लेव में एक प्लाट खरीदा जिसकी डील के 07 लाख रुपये एजेंट को दिनाक 28.03.2023 को देने का वायदा किया था, इसीलिये उसने बैंक से 07 लाख रुपये निकाले थे। उक्त संबंध में फरियादी द्वारा बैंक से किए गए ट्रांजेक्शन चेक किए गए जिसमें फरियादी द्वारा दिनांक 20.03.23 को बैंक से 07 लाख रुपये नगद निकालना पाया गया। हालांकि बैंक ट्रांजेक्शन की डिटेल्स में पूर्व में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किए गए थे लेकिन इस बार नगद ट्रांजेक्शन कर 07 लाख रुपये निकाले गए थे। इस बारे में फरियादी से पूछताछ करने पर वह लगातार बयान बदलने लगा, जिससे घटना संदिग्ध प्रतीत हुई। इसके बाद फरियादी से सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने स्वीकार किया कि वह प्लाट की डील के 07 लाख रुपये एजेंट को नही देना चाहता था इसीलिए उसने स्वयं अपने साथ 07 लाख रुपये लूट की साजिश रची और पुलिस में लूट की झुठी रिपोर्ट दर्ज कराई।
फरियादी ने बताया कि उसने बैंक से निकाले हुए 07 लाख रुपये अपने दोस्त को अमानती तौर पर दे दिए थे। उक्त 07 लाख रुपये की राशि फरियादी के दोस्त से बरामद कर ली गई। प्रकरण में विवेचना जारी है जिसके आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।