इंदौर : इंदौर में कोरोना से निपटने के लिये 44 फीवर क्लीनिक स्थापित किये गये हैं। इनमें से 19 इंदौर शहर में और 25 इंदौर ग्रामीण क्षेत्र में बनाए गए हैं। कलेक्टर मनीष सिंह ने इन फीवर क्लीनिक्स के संचालन के लिये नेहरु स्टेडियम में संबंधित अधिकारियों, चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टॉफ की बैठक ली।
बैठक में अपर कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, फीवर क्लीनिक के प्रभारी चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टॉफ मौजूद थे। बैठक में सभी को फीवर क्लीनिक के संचालन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। कलेक्टर मनीष सिंह ने निर्देश दिये कि फीवर क्लीनिक में आने वाले सभी मरीजों का परीक्षण किया जाए। कोविड-19 के संभावित लक्षण पाए जाने पर उन्हें कोविड केयर सेंटर भेजा जाए। कोविड-19 के मरीजों को भेजने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था की गयी है। सभी चिकित्सक एम्बुलेंस का उपयोग ऐसे मरीजों को भेजने के लिए सुनिश्चित करें।
जानकारी मोबाइल एप में दर्ज करें।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी चिकित्सक अपने यहाँ आने वाले मरीजों की जानकारी एप में दर्ज करें। यह जानकारी संबंधित एसडीएम और आरआरटी टीम को भी मिल जायेगी। इससे मरीज के उपचार में सुविधा होगी।
निजी क्लीनिक को भी अनुमति।
बताया गया कि इंदौर में प्रायवेट क्लीनिक के संचालन की अनुमति भी दी गयी है। अभी तक 600 से अधिक चिकित्सकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। इनके यहाँ आने वाले कोविड-19 के संभावित लक्षण के मरीजों की जानकारी भी वे एप में भरेंगे और मरीजों को फीवर क्लीनिक में भेजेंगे। कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि फीवर क्लीनिक में आने वाले मरीजों के लिये सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बैठने की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है। क्लीनिक के बाहर टेंट लगाये गये हैं। पेयजल की भी व्यवस्था की गयी है। कलेक्टर मनीष सिंह ने निर्देश दिए कि, फीवर क्लीनिक्स में प्रभारी डॉक्टर द्वारा मरीज का प्राथमिक उपचार किया जाएगा। इन मरीजो का फॉलोअप लिया जाएगा, तत्पश्चात यदि उपचार में चिकित्सकीय सलाह की आवश्यकता है तो, सिविल सर्जन डॉ संतोष वर्मा से मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। इन क्लीनिक्स में इलाज के दौरान किसी मरीज में कोविड-19 से संक्रमण के लक्षण पाए जाते हैं,तो संबंधित मरीज को प्रभारी डॉक्टर द्वारा इंडेक्स, अरविंदो या एमटीएच अस्पताल में बिना किसी विलंब के रेफर किया जाएग
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोहन सक्सेना ने एप के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने फीवर क्लीनिक संचालन के संबंध में बनाये गये मार्गदर्शी निर्देशों के बारे में भी बताया।