इंदौर : लंबे समय से बंद धार्मिक स्थानों को श्रद्धालुओं के लिए खोलने के संबंध में सोमवार को रेसीडेंसी सभाकक्ष में विस्तृत चर्चा की गई। इस दौरान सांसद शंकर लालवानी, कलेक्टर मनीष सिंह, डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र, गौरव रणदिवे, डॉ. निशांत खरे, पंडित-पुजारी, धार्मिक विद्वान आदि उपस्थित थे।
बैठक के दौरान धार्मिक स्थलों के संचालन तथा कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए आमजनों के प्रवेश, पूजन, प्रतिष्ठान आदि पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि, गर्भग्रह में केवल पुजारी ही अभिषेक कर सकेंगे। आमजनों के लिए गर्भग्रह में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। कोरोना वायरस लोहे की सतह पर करीब 3 दिन तक जिंदा रह सकता है अत: मंदिर परिसर में लोहे के गेट, रेलिंग, घंटी आदि सभी पर कपड़ा बांधे जाने के निर्देश दिए गए।
पुजारियों ने उठाया आजीविका का सवाल।
बैठक में पुजारियों ने बीते 3 माह से अधिक समय से मन्दिर बंद होने से उनकी आजीविका पर छाए संकट का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि पूजा- पाठ पर ही उनका घर चलता है। मन्दिर बन्द होने से उनकी माली हालत खस्ता हो गई है। प्रशासन को चाहिए कि वह जल्द से जल्द मंदिरों को खोले, वे इस बारे में प्रशासन के सारे नियम व शर्तें मानने के लिए तैयार हैं।
किसी भी प्रकार के उत्सव नहीं होंगे।
सांसद श्री लालवानी ने कहा कि, मंदिर खुलने की स्थिति में निश्चित संख्या में ही लोगों का प्रवेश हो। ऐसा किसी भी प्रकार का आयोजन और उत्सव ना किया जाए जिससे भीड़ की संभावना हो। विधायक मालिनी गौड़ और बीजेपी नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने भी मन्दिर खोलने पर अपनी सहमति जताई।
मन्दिर खोलने के लिए जारी होंगे दिशा- निर्देश।
कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि धर्मस्थलों के संबंध में महत्वपूर्ण बात पुजारियों का सुरक्षित रहना भी है। अन्यथा मंदिर संक्रमण का केंद्र बन सकते हैं। अतः मंदिर परिसर में बाहर ही जलपात्र रखा जाएगा। किसी भी प्रकार के आयोजन आदि नहीं होंगे। शोभायात्रा, भंडारा, खिचड़ी-प्रसाद आदि का बांटना भी प्रतिबंधित रहेगा। मंदिर के बाहर नियमों से संबंधित नोटिस लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में एक विस्तृत एसओपी जारी कर, दिशा निर्देश दिए जाएंगे जिसके अनुसार ही धर्मस्थल संचालित किए जा सकेंगे।