इंदौर : फ्रांस में भारतीय दूतावास में पदस्थ IFS अधिकारी नमन उपाध्याय इन दिनों इंदौर आए हुए हैं। मूल रूप से हरदा के रहने वाले नमन के पिता नर्मदाप्रसाद उपाध्याय वाणिज्यिक कर विभाग में अपर आयुक्त पद से रिटायर्ड हुए हैं।वहीं उनके चाचा निर्मल उपाध्याय इंदौर में उपायुक्त रहे हैं। वर्तमान में उनके भाई निहित उपाध्याय विजयनगर सीएसपी हैं। नमन अपने परिचितों- रिश्तेदारों के साथ मेल- मुलाकात में मशगूल हैं। बुधवार रात अनौपचारिक चर्चा के दौरान उन्होंने फ्रांस के साथ भारत के रिश्ते, राफेल सहित अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।
फ्रांस के साथ भारत के मजबूत रिश्ते हैं।
नमन उपाध्याय फ्रांस में भारतीय दूतावास में मीडिया और संस्कृति का प्रभार सम्हालते हैं। फ्रांस में भारत की छवि को उजली बनाने का जिम्मा उनके पास है। आरएनटी मार्ग स्थित एक निजी होटल में मुलाकात के लिए पहुंचे परिचितों और पत्रकारों से चर्चा करते हुए आईएफएस अधिकारी नमन उपाध्याय ने कहा कि भारत और फ्रांस के रिश्ते बेहद प्रगाढ़ हैं। रक्षा, अंतरिक्ष, ऊर्जा, कारोबार और संस्कृति के क्षेत्र में दोनों देश बेहतर ढंग से काम कर रहे हैं। फ्रांस के साथ हमारा व्यापार काफी आगे बढ़ा है। भारत के योग व आयुर्वेद में फ्रांस की जनता की बेहद रुचि है।
राफेल वक्त की जरूरत है।
नमन उस समय के प्रत्यक्षदर्शी हैं जब राफेल युद्धक विमानों की पहली खेप भारत के लिए रवाना हुई थी। राफेल से जुड़ी कॉन्ट्रोवर्सी पर तो नमन कुछ नहीं बोले पर उनका कहना था कि राफेल गुणवत्ता की कसौटी पर श्रेष्ठ लड़ाकू हवाई जहाज है। उसके भारत आने से हमारी वायुसेना को मजबूती मिली है। उनका कहना था कि फ्रांस के मीडिया में भारत को लेकर सही तथ्य रखने का काम वे पूरी जिम्मेदारी के साथ करते हैं।
सांस्कृतिक गतिविधियों को मिलता है बढ़ावा।
नमन का कहना है कि फ्रांस और भारत सांस्कृतिक आदान- प्रदान में भी आगे हैं। वहां के लोग भारत के कल्चर से रूबरू होना चाहते हैं। भारत की कला व संस्कृति को प्रमोट करने का काम भारतीय दूतावास करता है। हमारे कलाकारों को वहां बुलाकर उनकी प्रस्तुतियां वहां करवाई जाती हैं। अमिताभ बच्चन, इरफान खान, स्व. रविशंकर की लोकप्रियता फ्रांस में भी रही है। मप्र सरकार का पर्यटन विभाग भी वहां अपने स्टाल लगाकर प्रदेश में टूरिज्म को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।
भारतीय खानपान में भी है रुचि।
नमन उपाध्याय का कहना है कि फ्रांस में भारतीय समुदाय की संख्या भी अच्छी- खासी है। इसके चलते यहां का खानपान भी वहां अपनी जड़ें जमा रहा है। कई भारतीय रेस्टोरेंट भी वहां खुले हैं। प्रवासी भारतीयों के साथ फ्रांसीसी लोग भी भारतीय व्यंजनों का लुत्फ उठाने इन रेस्टोरेंट में आते हैं। मालवा के पोहे- जलेबी और बिहार के लिट्टी चोखा ने भी वहां अपनी जगह बनाई है।
IFS की होती है विशेष ट्रेनिंग।
नमन का कहना था कि IFS के लिए चयन यूपीएससी के जरिए ही होता है। जिस देश में जाने की आपको रुचि हो वहां की भाषा और कल्चर सीखने के लिए ट्रेनिंग पर भेजा जाता है। IFS में जाने के इच्छुक युवाओं को अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकारी और समझ होनी चाहिए। वैसे चयनित प्रतिभागियों को कूटनीति सहित अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर 6 माह की ट्रेनिंग भी दी जाती है।
कोरोना से फ्रांस भी है हलाकान।
नमन ने बताया कि कोरोना संक्रमण से फ्रांस भी हलाकान हैं। वहां भी नाइट कर्फ्यू सहित तमाम एहतियाती कदम उठाए गए हैं। नमन के मुताबिक फ्रांस से भारत आने से लेकर इंदौर तक के सफर में वे 6 बार कोरोना टेस्ट करवा चुके हैं। इस बीच वहां लॉक डाउन लगने की भी खबर आई है।
नमन के साथ बातचीत के दौरान वरिष्ठ पत्रकार कीर्ति राणा, संजीव आचार्य, राजा शर्मा, प्रवीण खारीवाल, सोनाली यादव आदि मौजूद रहे।