अलाक्षणिक तथा कम लक्षण वाले मरीजों का उपचार होम आयसोलेशन के माध्यम से किया जाए।
कलेक्टर मनीष सिंह ने प्रायवेट अस्पतालों के चिकित्सकों और प्रबंधकों की बैठक आहूत की।
इंदौर : कलेक्टर मनीष सिंह ने अस्पतालों के प्रबंधकों और चिकित्सकों की बैठक प्रीतमलाल दुआ सभागृह में लेकर उन्हें निर्देश दिए कि कोरोना मरीजों के उपचार में किसी भी तरह की कोई कोर-कसर नहीं रखी जाए। निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार मरीजों को उपचार उपलब्ध कराया जाए। शासन-प्रशासन द्वारा निर्धारित दरों का प्रदर्शन अपने-अपने अस्पतालों में किया जाए और उसी के अनुसार इलाज की राशि ली जाए। अलग से किसी भी मद में राशि वसूल नहीं की जाए। इस बैठक में प्रमुख रूप से इंडियन मेडिकल एसोशिएशन इंदौर के डॉ. हेमंत जैन व डॉ. सतीश जोशी, अपर कलेक्टर संतोष टैगोर, इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवेक श्रोत्रिय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. सैत्या, एमआरटीबी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सलिल भार्गव, कोविड के नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार सहित कोविड के इलाज के लिये चिन्हित निजी व शासकीय अस्पतालों के प्रबंधक और चिकित्सक मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने निर्देश दिए कि अलाक्षणिक और कम लक्षण वाले मरीजों को अनावश्यक रूप से भर्ती नहीं किया जाये।
भर्ती मरीजों से निर्धारित दर से ही वसूलें राशि।
गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुसार उपचार दिया जाए। उपचार के बाद ठीक होने पर उन्हें पाँच से सात दिन में डिस्चार्ज किया जाए। मरीजों से निर्धारित दर से ही राशि ली जाए। मरीजों और उनके परिजनों से अच्छा व्यवहार किया जाए। अगर किसी अस्पताल से मरीज को स्थानांतरित करने की आवश्यकता होती है, तो संबंधित अस्पताल में रिक्तता की स्थिति पता कर ही उसे स्थानांतरित किया जाए। अगर कोई मरीज दूसरे अस्पताल में इलाज के लिए जाना चाहता हो, तो उसे उसकी इच्छा के अनुरूप डिस्चार्ज किया जाए। किसी भी जरूरतमंद मरीज का उपचार पैसे के अभाव में नहीं रोका जाए।
जोनल अधिकारी करेंगे इलाज की मॉनिटरिंग।
निजी अस्पतालों में व्यवस्थाओं और इलाज की मॉनिटरिंग के लिए चार जोनल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश कलेक्टर मनीष सिंह ने दिए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मरीजों की भर्ती और बेड की रिक्तता की जानकारी दिन में तीन बार कंट्रोल रूम में अनिवार्य रूप से देने के निर्देश दिए गए है।
1075 डायल कर पता करें बेड की उपलब्धता।
बैठक में बताया गया कि 1075 नम्बर पर डायल कर कोई भी व्यक्ति कंट्रोल रूम से बेड की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त कर सकता है। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि कोरोना के इलाज में गाइड लाइन का पूरा पालन किया जाए। लापरवाही करने वाले अस्पतालों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
बढ़ाए जा रहे टीकाकरण केंद्र।
उन्होंने बताया कि इंदौर जिले में कोविड टीकाकरण केन्द्रों की संख्या बढ़ाई जा रही है। बैठक में इंडियन मेडिकल ऐसोशिएशन के डॉ. हेमंत जैन ने कहा कि जिले में कोरोना काल में निजी क्षेत्र के अस्पतालों ने बेहतर कार्य किया है। उन्होंने ने अपेक्षा व्यक्त की कि जिस तरह पूर्व में कोरोना के उपचार के लिये मानवीय संवेदनाओं के साथ कार्य किया गया था, उसी तरह का कार्य अभी भी आगे भी किया जाए। बैठक में डॉ. सलिल भार्गव ने कोरोना के इलाज के प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी दी । उन्होंने चिकित्सकों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।