जो खो गया, वो खो गया जो हो गया, वो हो गया….. दुनिया की बस ये ही रीत है….. चलते रहो, चलते रहो । कुछ छूटने से क्या गया, कुछ पा लिया तो क्या, रहा हाथों का बस कुछ मैल ही है….. मलते रहो, मलते रहो। हर आस में एक गीत है, हर राह में एक मीत है….. तो गीत को गाते रहो और मीत से मिलते रहो….. साथ कोई ना रहा, दुःख इसका मैं क्यों करूं …..? आया तो अकेला ही था, एकांत से फिर क्यों डरूं…..? एक एक कदम हो सौ गुना, धरते चलो, धरते रहो।