इंदौर : लंबे समय से अधर में लटके पड़े मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम अब तेज़ी से आगे बढ़ेगा। संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा की अध्यक्षता में कमिश्नर कार्यालय में आयोजित बैठक में प्रोजेक्ट की समीक्षा के बाद ये दावा किया गया।
कलेक्टर के साथ समन्वय रखें प्रोजेक्ट के अधिकारी।
बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह, मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर गौतम सिंह, आईडीए के सीईओ विवेक श्रोत्रिय सहित मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के भोपाल से आए अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने कहा कि कोरोना और अन्य कारणों से इंदौर में यह प्रोजेक्ट पिछड़ गया है, लेकिन अब इस पर तेज़ी से कार्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के अधिकारी प्रत्येक 15 दिनों में अपनी प्रगति से कलेक्टर इंदौर को अवगत कराएंगे। ज़मीन के अधिग्रहण सहित अन्य सभी बाधाएँ कलेक्टर के समन्वय से दूर की जाएंगी।
रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट से हो कनेक्टिविटी।
संभागायुक्त डॉक्टर शर्मा ने कहा
कि मेट्रो ट्रेन के प्रत्येक स्टेशन से यात्रियों के आवागमन की निर्बाध सुविधाएँ होनी चाहिए। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन से बेहतर कनेक्टिविटी हो ताकि बग़ैर किसी बाधा के यात्रीगण मेट्रो ट्रेन पकड़ सकें। प्रत्येक मेट्रो स्टेशन के बाहर बस और अन्य वाहनों के प्रवेश और निर्गम की सुचारु व्यवस्था होनी चाहिए। डॉ. शर्मा ने कहा कि दिल्ली का मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट एक आदर्श है। इंदौर में भी उसी के अनुरूप प्लानिंग होनी चाहिए।
जिला प्रशासन के नियमित संपर्क में रहे मेट्रो प्रोजेक्ट के अधिकारी।
बैठक में कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि इन्दौर में मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट का कार्यालय नियमित रूप से संचालित होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर अप्रसन्नता जतायी कि अभी इस विषय पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए एक डेडिकेटेड टीम नियुक्त की जाए जो जिला प्रशासन के नियमित सम्पर्क में रहे।
बैठक में मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के अतिरिक्त संचालक (तकनीकी) शोभित टंडन ने बताया कि आगामी निर्माण के लिए पाँच पैकेज में टेंडर फ्लोट करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जल्दी ही कंपनी को ऑपरेशनल राइट प्रदान किए जाएंगे ताकि निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ हो सके। बैठक में बताया गया कि भंवरसला स्थित शासकीय स्कूल की शिफ्टिंग की आवश्यकता है। इस संबंध में कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि शिफ्टिंग के साथ ही उसी स्थान पर पुनर्निर्माण के लिए योजना बनायी जाए।