“आप तो थे सिनेमा जगत के लोकप्रिय अभिनय सम्राट।
आपकी अदाकारी ने अभिनय के कद को बनाया और भी विराट॥
दु:खद भूमिका को जीवंत करने के कारण कहलाए ट्रेजडी किंग।
आपकी बेहतरीन अदाकारी भरती अभिनय में अनेकों रंग।।
अभिनय के प्रति ईमानदारी थी आपकी विशेषता।
दिलीप कुमार के व्यवहार में भी थी सहजता और सरलता॥
1994 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार का पाया था सम्मान।
अनेकों सम्मान भी करते आपके बेमिसाल अभिनय का गुणगान॥
बेहतरीन और उम्दा शख्सियत थी आपकी पहचान।
सर्वश्रेष्ठ अभिनेता फिल्म फेयर पुरस्कारों ने बढ़ाया आपके अभिनय का मान।।
आपके शानदार अभिनय ने बनाया कल्पनाओं को भी जीवंत।
मुगल-ए-आजम जैसी फिल्मों से आपने अभिनय में छुई बुलंदिया अनंत॥
भारतीय सिनेमा में आपका अभिनय है अतुलनीय।
श्रेष्ठ नायक के रूप में आप सदैव हुए प्रशंसनीय॥
11 दिसंबर को जन्में युसुफ खान, दिलीप कुमार नाम से जाने जाते।
डॉ. रीना कहती, आपके निधन को हम हिन्दी सिनेमा की अपुरणीय क्षति बताते॥“`
डॉ. रीना रवि मालपानी (कवयित्री एवं लेखिका)