इंदौर : कोरोना महामारी ने विश्व का परिदृश्य बदल दिया है। भारतीय संस्कृति , आचार , विचार और व्यवहार जिसे पश्चिमी देशों ने अमान्य कर दिया था आज वही उसे सहर्ष अपना रहे हैं। कोरोना से हमें जो सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण सीख मिली है, वह है पारिवारिक सहयोग | संयुक्त परिवार के महत्त्व को इस महामारी ने पुनः रेखांकित किया है | अत; अपने परिवार के सदस्यों का साथ विपत्ति में कतई ना छोड़े चाहे इसके लिए कोइ भी मूल्य चुकाना पड़े | अपनी जीवन शैली में परिवर्तन लाएं | पौष्टिक और सात्विक आहार के साथ योग , ध्यान और आध्यात्म को अपने जीवन का अनिवार्य अंग बनाएं तभी हम हर प्रकार की बीमारी और समस्याओं से लड़ने में सक्षम हो सकेंगे |
ये विचार सदगुरु अण्णा महाराज ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने शिष्यों को दिए आशीर्वचन के दौरान व्यक्त किए | पलसीकर कोलोनी स्थित श्री दत्त माउली सदगुरु अण्णा महाराज संस्थान में गुरुपूर्णिमा उत्सव उत्साह और उल्लास के साथ सादगी पूर्वक संपन्न हुआ | कोविद प्रोटोकाल के चलते अण्णा महाराज के दर्शन हेतु हमेशा की तरह लम्बी कतार नहीं थी। दर्शन के लिए फेसबुक और यूं ट्यूब के माध्यम से सीधे प्रसारण की व्यवस्था की गयी थी। दोपहर १२ बजे आरती के पश्चात गुरु पादुका की संस्थान परिसर में ही पालकी यात्रा निकाली गयी। उसके बाद सदगुरु का पाद पूजन और आशीर्वचन संपन्न हुआ | सीमित संख्या में उपस्थित भक्तों को गुरु दीक्षा दी गयी |
कोरोना महामारीं ने संयुक्त परिवार के महत्व को पुनः रेखांकित किया, गुरुपूर्णिमा के मौके पर बोले अण्णा महाराज
Last Updated: July 24, 2021 " 12:26 am"
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