इंदौर : सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति के मप्र सरकार के फैसले के विरोध में आईएमए की इंदौर इकाई, मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, एलुमनी एसो. और अन्य स्वास्थ्य संगठनों के पदाधिकारियों ने शनिवार को काली पट्टी बांधकर सांकेतिक प्रदर्शन किया।
एमवायएच परिसर में किया प्रदर्शन।
एमवाय अस्पताल के मुख्य द्वार पर एकत्रित हुए डॉक्टर्स, प्रोफेसर्स और नर्सिंग एसो. के पदाधिकारियों ने सरकार के कदम को गलत ठहराते हुए काली पट्टी बांधकर सांकेतिक विरोध जताया। उन्होंने काली पट्टी बांधकर ही काम किया। प्रदर्शन के दौरान आईएमए के अध्यक्ष डॉ. सुमित शुक्ला, मेडिकल टीचर्स एसो. एमजीएमएमसी की अध्यक्ष डॉ. पूनम माथुर, सचिव डॉ. अशोक ठाकुर, एमजीएमएमसी एलुमनी एसोसिएशन के सचिव डॉ. संजय लोंढे, जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन इंदौर के सभी पदाधिकारी, अजाक्स मेडिकल कर्मचारी संघ के करण भगत और नर्सिंग एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष धर्मेन्द्र पाठक सहित अन्य डॉक्टर्स व कर्मचारी मौजूद रहे।
मेडिकल कॉलेजों में कई पद पड़े हैं खाली।
आईएमए के अध्यक्ष डॉ. सुमित शुक्ला और मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन एमजीएमएमसी के सचिव डॉ. अशोक ठाकुर ने बताया कि प्रदेश सरकार आयएएस के भरोसे स्वास्थ्य सेवाएं चलाना चाहती है। सरकार ने आज तक 13 में से 11 कॉलेज में पूर्णकालिक डीन नियुक्त नही किए हैं। मेडिकल कॉलेजों में, अस्पताल प्रबंधक, बॉयोमेडिकल इंजीनियर जैसे पद खाली होने के बावजूद उन्हें भरा नहीं जा रहा है। मेडिकल छात्रों के पीजी में प्रवेश का मामला अटका हुआ है इसके चलते नए डॉक्टर्स की नियुक्ति नहीं हो पा रही है। मरीजों की संख्या के अनुपात में डॉक्टर्स नहीं होने से वर्तमान में पदस्थ डॉक्टरों पर काम का बोझ बढ़ गया है। उन्हें अतिरिक्त डयूटी करना पड़ रही है।
डॉ. शुक्ला और डॉ. ठाकुर ने सरकार से मांग की है कि वह मेडिकल कॉलेज में प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति का निर्णय वापस लें, वहीं नीट पीजी कॉउंसलिंग का मामला जल्द सुलझाए, जिससे मेडिकल कॉलेजों में पीजी में प्रवेश का रास्ता सुगम हो सके और सरकारी अस्पतालों को नए डॉक्टर्स मिल सकें।