इंदौर : मप्र में इंग्लिश के साथ हिंदी माध्यम से भी मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इससे छात्र और बेहतर तरीके से मेडिकल शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। इस सिलसिले में एक कमेटी बनाई गई है जिसमें इंदौर के भी मेडिकल एक्सपर्ट्स को लिया गया है। ये बात प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कही। वे बुधवार को इंदौर प्रवास पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू करनेवाला मप्र, देश का पहला राज्य होगा।
कई देशों में होती है मातृभाषा में मेडिकल की पढ़ाई।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने कहा फ्रांस, जर्मनी, जापान व चीन सहित कई देशों में मेडिकल की पढ़ाई का माध्यम उनकी अपनी मातृभाषा है। हम इंग्लिश के साथ हिंदी में भी मेडिकल शिक्षा का विकल्प देना चाहते हैं। ऐसा करने वाला मप्र पहला राज्य होगा। पढाई के दौरान हिंदी में भी लेक्चर हों, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। मंत्री सारंग ने साफ किया कि मेडिकल पाठ्यक्रम में कोई परिवर्तन नहीं किया जा रहा है।
व्यवस्थाओं में सुधार लाने पर जोर।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा इज ऑफ हेल्थ सर्विसेज के तहत मेडिकल कॉलेज और उनसे जुड़े अस्पतालों की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।इसको लेकर वे जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा भी करेंगे। मेडिकल कॉलेज और संबद्ध अस्पतालों के टीचर्स, डॉक्टर्स, कर्मचारी और छात्रों के लिए प्रदेश सरकार बीमा योजना भी लागू करने जा रही है। अस्पतालों की व्यवस्थाएं अच्छी हों, मरीजों को बेहतर इलाज मिले। मेडिकल कॉलेजों में श्रेष्ठ डॉक्टर्स का निर्माण हों यही हमारा प्रयास है।
नए पाठ्यक्रम शुरू करने पर जोर।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मेडिकल कॉलेजों में हॉस्पिटल मैनेजमेंट सहित कई नए पाठ्यक्रम शुरू करने की भी बात कही।