नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू- कश्मीर में बड़ा कदम उठाते हुए अलगाववादियों पर एक और चोट की है। उसने अलगाववादी नेता यासीन मलिक के संगठन जेकेएलएफ { जम्मू- कश्मीर लिबरेशन फ्रंट } पर प्रतिबंध लगा दिया है। कैबिनेट की सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। यासीन मलिक अपने संगठन के जरिये अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देते रहे हैं। भारतीय पासपोर्ट पर पाकिस्तान जाकर वे भारत के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं। इसी के चलते उनके संगठन जेकेएलएफ को बैन किया गया है।
आपको बता दें कि पुलवामा हमले के बाद मोदी सरकार ने सभी अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली थी।
ईडी भी करेगा कानूनी कार्रवाई।
प्रवर्तन निदेशालय भी फेमा कानून के उल्लंघन को लेकर यासीन मलिक के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है। यासीन पर गैरकानूनी ढंग से 10 हजार अमेरिकी डॉलर अपने पास रखने का आरोप है। इसके अलावा ईडी ने एक अन्य अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी पर भी 14.40 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। उनसे 6.88 लाख रुपए कुर्क भी किये गए हैं।
जेकेएलएफ पर बैन का महबूबा ने किया विरोध ।
जम्मू- कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती यासीन मलिक के बचाव में आगे आई है। उन्होंने जेकेएलएफ पर बैन लगाने की आलोचना करते हुए कहा कि इससे कुछ हासिल नहीं होगा। उनका कहना था कि इसतरह के हानिकारक फैसले कश्मीर को खुली जेल बना देंगे।
उधर केंद्रीय गृह सचिव ने साफ किया है कि जेकेएलएफ पर बैन का फैसला आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत लिया गया है।