इंदौर : पार्षद प्रत्याशियों की घोषणा और नामांकन भरे जाने के बाद भी बीजेपी में बगावत के सुर बुलंद होते जा रहे हैं। घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ टिकट से वंचित रहे दावेदार लगातार धरना – प्रदर्शन कर टिकट बदलने का दबाव बना रहे हैं। अपने समर्थकों के साथ ये असंतुष्ट नेता बीजेपी कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी करते हुए विरोध दर्ज करा रहे हैं।
बाहरी प्रत्याशी बताकर किया जा रहा विरोध।
15 से अधिक वार्डों में टिकट वितरण से असंतुष्ट दावेदार बगावत पर आमादा हैं। ज्यादातर प्रत्याशियों को बाहरी बताकर विरोध को हवा दी जा रही है। रविवार को वार्ड 36 और 54 के टिकट से वंचित नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ बीजेपी कार्यालय पर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की।
कैलाश विजयवर्गीय के सामने हुई नारेबाजी।
वार्ड क्रमांक 54 के टिकट से वंचित रहे दावेदारों के समर्थक बैनर व तख्तियां लेकर बीजेपी कार्यालय पहुंचे। नारेबाजी करते हुए वे जैसे ही ऊपरी मंजिल पर पहुंचे, उनका कैलाश विजयवर्गीय से सामना हो गया। विजयवर्गीय पत्रकारों से चर्चा के बाद कार्यालय से जा ही रहे थे। प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं ने कैलाशजी के समक्ष अपनी बात रखते हुए वार्ड 54 से घोषित बीजेपी प्रत्याशी को बाहरी बताकर उसे बदलने की मांग की। कैलाश विजयवर्गीय ने उन्हें समझाइश देने के साथ अपील समिति के समक्ष अपनी बात रखने की सलाह दी। बता दें कि बीजेपी ने वार्ड 54 से महेश बसवाल को प्रत्याशी बनाया है जबकि इस वार्ड से राकेश गोयल, पिपले, राजोरिया और प्रदीप मसीह दावेदारी जता रहे थे।
वार्ड 36 से सुरेश कुरवाड़े को भी बताया बाहरी प्रत्याशी।
वार्ड 36 निपानिया से बीजेपी ने सुरेश कुरवाडे को पार्षद प्रत्याशी बनाया है। यहां से पूर्व पार्षद कोमल सोलंकी के पति जीवन सोलंकी दावेदारी कर रहे थे। वे बीजेपी की नगर कार्यकारिणी के भी सदस्य हैं। पार्टी ने उनकी दावेदारी को दरकिनार कर सुरेश कुरवाड़े को टिकट दे दिया तो नाराज जीवन सोलंकी समर्थकों के साथ बीजेपी कार्यालय जा धमके और प्रदर्शन करते हुए कुरवाड़े की जगह उन्हें प्रत्याशी बनाने की मांग की। उनका दावा था कि कुरवाड़े बजरंग नगर के निवासी हैं। उन्हें निपानिया के वार्ड 36 से प्रत्याशी बनाना गलत है। जीवन सोलंकी और उनके समर्थक सैकड़ों हस्ताक्षर युक्त पत्र भी साथ में लेकर आए थे। जब कार्यालय पर कोई नहीं मिला तो उन्होंने पत्र नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे के कक्ष पर चस्पा कर दिया। हालांकि बाद में विधायक रमेश मेंदोला और संभागीय चयन समिति के संयोजक मधु वर्मा कार्यालय पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से चर्चा की और उनकी बात पर गौर करने का आश्वासन दिया।
अन्य वार्डों में भी मचा है घमासान।
बीजेपी में टिकट वितरण के बाद कई अन्य वार्डों में भी दावेदारों और कार्यकर्ताओं की नाराजगी सामने आई है। संध्या यादव को वार्ड क्रमांक 6 से उम्मीदवार बनाए जाने से कविता यादव और अन्य स्थानीय दावेदार खफा हैं।उन्होंने अपनी नाराजगी नगर अध्यक्ष रणदिवे के सामने जताई थी। वार्ड 52 से सुधा सुखियांनी टिकट की सबसे प्रबल दावेदार मानी जा रही थी। पर उनकी जगह बीजेपी ने सपना मंग्रोला को टिकट दे दिया। सुधा सुखियानी का कहना है कि उनके पिता जनसंघ के जमाने से पार्टी का काम करते आ रहे हैं। वह स्वयं भी अपने वार्ड में निरंतर सक्रिय रही हैं। बावजूद इसके बीजेपी ने उन्हें दरकिनार कर सपना मंगरोला नामक महिला को टिकट दे दिया, जो पार्टी की कार्यकर्ता तक नहीं है। दूसरे वार्डों में लगभग यही हालात है। टिकट से वंचित कई दावेदारों ने तो निर्दलीय रूप से पर्चा भी दाखिल कर दिया है।
रूठों को मना लेंगे।
टिकट वितरण के बाद लगातार बढ़ रहे बगावत के स्वरों को लेकर जब बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि दावेदारों की संख्या बहुत अधिक थी। हर वार्ड से कई दावेदार थे। टिकट किसी एक को ही मिलना था, इसलिए जिन्हें टिकट नहीं मिला, उनकी नाराजगी स्वाभाविक है। हालांकि अगले दो दिनों में सभी रूठों को मना लेंगे। चुनाव में बीजेपी एकजुट होकर चुनाव लडेगी और जीतेगी।