इंदौर : आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर रविवार शाम शहर के मध्यक्षेत्र में पंढरपुर जैसा माहौल नजर आया । हजारों की संख्या में मराठीभाषी डिंडी यात्रा के रूप में भगवान पंढरीनाथ के दर्शन करने पहुंचे।
समग्र मराठी समाज के आव्हान पर शहर की तमाम मराठीभाषी संस्थाओं ने डिंडी यात्रा में भाग लिया । राजेंद्र नगर से सैंकड़ों की संख्या में तरुण मंच के युवा सदस्य और विठ्ठल भक्त प्रशांत बडवे के नेतृत्व में डिंडी यात्रा में शामिल हुए । कृष्णपुरा छतरी से प्रारंभ हुई डिंडी यात्रा में भक्त गण श्री हरि विठ्ठल जय हरी विठ्ठल का घोष करते हुए चल रहे थे। इस दौरान महाराष्ट्र की संस्कृति की झलक इंदौर की सड़कों पर नजर आई । पुरुष सफेद कुर्ता पायजामा और सर पर सफेद टोपी पहने हुए थे वहीं महिलाएं पीली साड़ी में यात्रा में शामिल हुई। । ढोल ताशा, नगाड़े और लेजिम की थाप पर पाउल भजन , फुगड़ी नृत्य करते हुए युवतियां और महिलाएं पंढरीनाथ महाराज की जय जयकार कर रहे थे । हाथ में भगवा झंडा , कंधे पर फूलों से सजी पालकी को ले कर भक्तगण कृष्णपुरा छतरी से रवाना हुए तो रास्ते में जगह जगह पुष्पवर्षा कर पालकी का स्वागत किया गया । मार्ग में पालकी के दर्शन भी भक्तों ने किए।
संतों ने किया पालकी का पूजन।
पालकी रवाना होने के पूर्व सदगुरु अण्णा महाराज, सदगुरु बाबा साहब तरानेकर, सदगुरु अमृतफले महाराज, सदगुरु दादू महाराज,सदगुरु सुनील शास्त्री गुरुजी, बृहन्महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष मिलिंद महाजन ने पालकी का पूजन कर यात्रा की शुरुआत की।
डिंडी यात्रा में बड़ी संख्या में मराठी भाषी शामिल हुए और अपनी आस्था व एकजुटता का परिचय दिया ।