इंदौर: भारतीय नववर्ष गुड़ीपड़वा के उपलक्ष्य में संस्था स्वरश्रुति के बैनर तले गीत रामायण की प्रस्तुति दी गई। रविवार शाम इंदौर प्रेस क्लब के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में रामायण के 24 प्रसंगों को गीतों के जरिये श्रोताओं के अंतर्मन में जीवंत किया गया।
पुणे से इंदौर आकर बसे गायक कलाकार राजेन्द्र गलगले दो साल से गीत रामायण की प्रस्तुति दे रहे हैं। इंदौर प्रेस क्लब में दी गई गीत रामायण की प्रस्तुति में राजेंद्र गलगले का साथ सपना केकरे और अर्चना मोघे ने निभाया। हारमोनियम पर राहुल शेवगांवकर, तबले पर सुमित मालवीय, वायलिन पर अतुल शास्त्री, ताल वाद्य पर विवेक थोरात की संगत ने कार्यक्रम को नई ऊंचाई दी। विश्वेश शिधोरे ने रामायण के प्रसंगों का विवेचन करने के साथ गीतों को एक लड़ी में पिरोने की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। ध्वनि संयोजन प्रदीप वाणकर का था। करीब ढाई घंटे का ये कार्यक्रम श्रोताओं की कसौटी पर खरा उतरा।
जीडी माड़गुलकर और सुधीर फड़के की कालजयी कृति है गीत रामायण।
महर्षि वाल्मीकि रचित रामायण के प्रसंगों को गीतों में ढालने का काम मराठी के ख्यात साहियकार जीडी माड़गुळकर ने किया और उन्हें संगीतबद्ध कर घर- घर पहुंचाया सुधीर फड़के ने। मूल गीत रामायण में कुल 57 गीत हैं जिनमें से राजेन्द्र गलगले और सहयोगी कलाकारों ने 24 गीत अपने कार्यक्रम के लिए चुने थे।