इंदौर: लोकसभा स्पीकर और 8 बार की सांसद सुमित्रा महाजन के चुनाव लड़ने से इनकार के बाद भी बीजेपी इंदौर से अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। कांग्रेस इस मामले में बाजी मार ले गई है और उसके प्रत्याशी पंकज संघवी ने मैदान भी पकड़ लिया है लेकिन बीजेपी में रोज नए- नए दावेदार सामने आने से उलझन सुलझने की बजाय और बढ़ती जा रही है। संघवी को कांग्रेस का टिकट मिलते ही दो नम्बर खेमा टिकट की दौड़ से अलग हो गया पर कई नए दावेदार खड़े हो गए हैं। इस बीच महू की विधायक उषा ठाकुर का नाम तेजी से उभरा है। बताया जाता है कि उनके नाम पर सहमति बन गई है।
हर बार कठिन सीट से लड़कर जीती हैं उषा ठाकुर।
उषा ठाकुर को बीजेपी ने हर बार कठिन मानी जाने वाली सीटों से विधानसभा का चुनाव लड़ाया जहां उन्होंने अपनी काबिलियत सिद्ध की। विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 से 2003 में उन्होंने सबसे पहला चुनाव लड़ा था जहां कांग्रेस के भल्लू यादव को हराकर उन्होंने सीट जीती। 2009 में उनका टिकट काटकर सुदर्शन गुप्ता को दे दिया गया। 2013 में उन्हें कांग्रेस के तीन बार के विधायक और दमदार उमीदवार अश्विन जोशी के खिलाफ विधानसभा तीन से बीजेपी ने चुनाव मैदान में उतारा। वहां भी उषा ठाकुर ने अश्विन को हराकर कांग्रेस के किले को भेद दिया। 2018 के विधानसभा चुनाव में तो उन्हें कैलाशजी की जगह महू सीट से टिकट दे दिया गया। बेटे आकाश को लड़ाने के लिए कैलाशजी ने मैदान छोड़ दिया था। उषाजी का मुकाबला यहां कांग्रेस के दबंग नेता अंतरसिंह दरबार से था। फिर भी अपनी मेहनत और कारगर रणनीति के बूते उन्होंने दरबार को पटखनी देकर महू सीट पर अपना परचम लहरा दिया।
सूत्रों का कहना है कि उषा ठाकुर की इसी काबिलियत के चलते ताई के उत्तराधिकारी के रूप में पार्टी आलाकमान उन्हें इंदौर संसदीय सीट से लड़ाने पर विचार कर रहा है।
ताई बेटे मंदार के लिए कर रही लॉबिंग।
दिल्ली में डेरा जमाए बैठी सुमित्रा ताई को 75 पार होने से टिकट की दौड़ से बाहर होना पड़ा पर वे दिल्ली में डेरा जमाकर बेटे मंदार के लिए लॉबिंग कर रही है। वे पीएम मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मिलने की जुगत में है।
पिछड़ गए ललवानी।
हाल ही तक पूर्व आईडीए अध्यक्ष शंकर ललवानी का नाम टिकट की दौड़ में सबसे आगे था पर अन्य दावेदारों और सिंधी समाज के ललवानी के विरोधियों के पलीता लगाने से ललवानी का नाम प्रत्याशी के बतौर घोषित होते- होते रह गया।
गोविंद मालू भी दावेदार।
फिलहाल उषा ठाकुर का नाम सबसे ऊपर है पर उनके अलावा अन्य नाम जो चर्चा में हैं उनमें कृष्णमुरारी मोघे, गोपी नेमा और मालिनी गौड़ प्रमुख हैं। उधर ललवानी का विरोध कर रहे गोविंद मालू ने भी अपनी दावेदारी जता दी है। उनका कहना है कि ताई से चर्चा कर वे अपनी दावेदारी जता चुके हैं। इसी के साथ पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल सहित संगठन के अन्य बड़े नेताओं से बातचीत कर उन्हें भी अपनी मंशा से अवगत करा दिया है।
बहरहाल, टिकट किसे मिलेगा इसपर सस्पेंस कायम है लेकिन उषा ठाकुर को बीजेपी प्रत्याशी बनाती है तो इंदौर सीट पर रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है।