संघवी के लिए एकजुट हुए कांग्रेसी..!

  
Last Updated:  April 25, 2019 " 01:33 pm"

इंदौर: कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी घोषित होने के साथ ही इंदौर में भी चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है। तमाम अटकलों के बाद दोनों ही दलों ने स्थानीय प्रत्याशियों पर दांव लगाया है। कांग्रेस ने पंकज संघवी तो बीजेपी ने शंकर लालवानी को चुनाव मैदान में उतारा है। संघवी के पास तीन चुनाव लड़ने का अनुभव है। 1998 में लोकसभा का चुनाव वे सुमित्रा ताई के खिलाफ लड़े थे। उन्हें 49 हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा मेयर और विधानसभा का चुनाव भी वे लड़ चुके हैं। उनमें भी उन्हें हार मिली थी पर हार का अंतर बहुत कम था। धनबल और बाहुबल की उनके पास कमीं नहीं है। चुनावी मैनेजमेंट में वे दक्ष माने जाते हैं। कांग्रेस के सभी गुटों में उनकी अच्छी पैठ है। यही कारण है कि कांग्रेस ने फिर से उनपर भरोसा जताया है। सुमित्रा ताई का इस बार मैदान में न होना भी संघवी के लिये अनुकूल माना जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश में सरकार होने और मालवा- निमाड़ से ताल्लुक रखने वाले 4 मंत्री होने का लाभ भी संघवी को मिलेगा।

ग्रामीण क्षेत्र में मिल सकती है बढ़त।

इंदौर लोकसभा क्षेत्र में आनेवाली तीनों ग्रामीण विधानसभा सीटों राऊ, सांवेर और देपालपुर पर कांग्रेस का कब्जा है। राऊ व सांवेर के विधायक जीतू पटवारी और तुलसी सिलावट कैबिनेट मंत्री भी हैं। ऐसे में पंकज संघवी को ग्रामीण क्षेत्र से बढ़त मिलने की पूरी उम्मीद है।

शहरी क्षेत्र में होगी असली अग्निपरीक्षा।

ग्रामीण क्षेत्र में माहौल संघवी के पक्ष में होने का अनुमान है पर शहरी क्षेत्र की 5 सीटों पर संघवी की असली अग्निपरीक्षा होगी। 2 और 4 नम्बर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी को बड़ी लीड मिल सकती है। ये मान भी लिया जाए कि इस लीड को संघवी ग्रामीण क्षेत्र से पाट देंगे। बावजूद इसके 1, 3 और 5 नम्बर विधानसभा क्षेत्रों से बढ़त हांसिल करना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी।

चुनाव कार्यालय के उदघाटन में जुटी भीड़।

इसे मप्र में सत्ता होने का असर कहें या इंदौर सीट से 30 साल का सूखा खत्म करने की छटपटाहट, पंकज संघवी के जंजीरवाला चौराहा स्थित मोहता भवन में खोले गए मुख्य चुनाव कार्यालय के उदघाटन समारोह में मंत्री, विधायक, संगठन के तमाम पदाधिकारी और बड़ी तादाद में क्रयकर्ताओं ने हाजिरी बजाई। कांग्रेस के सभी गुटों को साधने में संघवी सफल रहे। यहां तक कि नाराज चल रहे विधायक संजय शुक्ला मंच की शोभा बढ़ाते नजर आए। एक- दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाने वाले प्रमोद टण्डन और विनय बाकलीवाल भी एक जाजम पर दिखाई दिए। मालवा- निमाड़ के चारों मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, तुलसी सिलावट, जीतू पटवारी और बाला बच्चन ने मंच साझा करने के साथ क्रयकर्ताओं में जोश भरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सभी का यही कहना था कि एकजुट होकर चुनावी जंग लड़ी जाए तो इंदौर सीट कांग्रेस की झोली में आ सकती है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो पंकज संघवी के रूप में कांग्रेस को ऐसा प्रत्याशी मिला है जो हरतरह से सक्षम तो है ही, उसके नाम पर किसी को ऐतराज भी नहीं है।
बहरहाल, फिलहाल सारे समीकरण कांग्रेस और संघवी के पक्ष में नजर आते हैं पर जनता के मन में क्या है इसकी थाह लेना बड़ा मुश्किल है। अब ये तो वक़्त ही बताएगा कि संघवी की कुंडली में राजयोग है या नहीं।

Facebook Comments

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *